मथुरा: सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत काफी अहम माना जाता है. पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं, लेकिन मथुरा जनपद के सुरीर कस्बे के भागा मोहल्ला में सुहागिन महिलाएं करवाचौथ का व्रत नहीं रखती हैं. माना जाता है कि व्रत रखने से पति की मृत्यु हो जाती है. ये परंपरा कई सदियों से चली आ रही है. जो आज भी कायम है.
जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सुरीर कस्बा, जहां भागा मोहल्ला में करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं नहीं करती हैं. सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. इस गांव की बुजुर्ग महिलाएं कहती हैं कि करवा चौथ का व्रत करने से पति की मृत्यु हो जाती है, इसलिए सुहागिन महिलाएं इस मोहल्ले में करवा चौथ का व्रत नहीं रखती.
95 वर्ष की बुजुर्ग महिला रामवती ने बताया कि 300 साल पहले एक सुहागिन महिला अपने पति के साथ बैलगाड़ी पर सवार होकर राम नगला से सुरीर कस्बे के लिए जा रही थी, तभी ठाकुर समाज के लोगों ने बैलगाड़ी के भैंसा को लेने की कोशिश की, लेकिन सुहागिन महिला के विरोध करने पर लोगों ने सुहागिन महिला के पति को पीट-पीट कर मार दिया. इसके बाद महिला ने सुरीर कस्बे की महिलाओं को श्राप दिया. अगर कोई भी सुहागिन महिला करवा चौथ का व्रत रखेगी तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी. यह परंपरा आज भी चली आ रही है.
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सुहागिन महिला पूनम ने बताया कि उसकी शादी को 7 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मैंने करवा चौथ का व्रत नहीं किया. हमारे परिवार में कोई भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखता है.
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बबिता ने कहा सुरीर कस्बे के भागा मोहल्ला में करवा चौथ नहीं मनाई मनाया जाता है, क्योंकि यहां सती का श्राप है, अगर कोई भी करवा चौथ का व्रत रखेगा तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी.