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महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण बनारस में हुई सांकेतिक गंगा आरती, विश्वनाथ मंदिर में भक्तों के लिए खास इंतजाम - VARANASI NEWS

विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में महाकुंभ से शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अहम फैसले लिये गये है.

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गंगा आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर लिए गए फैसले (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 9:05 PM IST

Updated : Feb 11, 2025, 10:38 PM IST

वाराणसी: महाकुंभ से लौट रही भीड़ की वजह से धर्म नगरी वाराणसी में जबरदस्त पलट प्रवाह का असर दिख रहा है. विश्वनाथ मंदिर से लेकर काल भैरव मंदिर और गंगा घाट से लेकर गलियों तक हर तरफ जबरदस्त भीड़ है. पुलिस ड्रोन के जरिए भीड़ की निगरानी कर रही है. ड्रोन शॉट में भी भीड़ जबरदस्त दिखाई दे रही है. इन सबके बीच वाराणसी के दशाश्वमेध और शीतला घाट पर होने वाले नियमित गंगा आरती को लेकर समितियों ने फैसला किया है. मंगलवार को गंगा घाट पर महाकुंभ आए लौट रही भीड़ के कारण सांकेतिक गंगा आरती हुई

दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि ने गंगा घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती को 7 अर्चकों की जगह सांकेतिक रूप से सिर्फ एक अर्चक के द्वारा पूरा करने का निर्णय लिया है, जबकि शीतला घाट पर गंगोत्री सेवा समिति ने अगले आदेश तक आरती को ही स्थगित कर दिया है. वहीं बढ़ रही भीड़ की वजह से नौका संचालन भी शाम 6:00 बजे तक ही होगा.

गंगा सेवा निधि अध्यक्ष सुशान्त मिश्रा ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें - मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर पर आस्था का महाकुंभ; गलियां-बाजार और गंगा घाट फुल, वाहनों की लगी लंबी कतारें - MIRZAPUR NEWS

दरअसल, गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति यह दो सबसे पुरानी आरती समितियां हैं, जो लंबे वक्त से गंगा आरती कर रही है. दोनों अगल-बगल घाटों पर ही गंगा आरती होती है. जिसमें प्रतिदिन हजारों की भीड़ होती है. लेकिन इधर लगभग एक सप्ताह से दोनों आरतियों में जबरदस्त जन सैलाब उमड़ रहा है. जिसकी वजह से प्रशासन को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबरदस्त भीड़ के कारण गंगा समितियों को प्रशासनिक आदेश के बाद आरती को सांकेतिक रूप से करने के लिए कहा गया था.

इस बारे में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा का कहना है कि मां गंगा की नियमित गंगा आरती भाव म्यूजिक और संगीत के साथ होती है. जिसमें पुजारी के द्वारा इसे पूरा किया जाता है. लेकिन जबरदस्त भीड़ की वजह से आरती को सांकेतिक रूप से सिर्फ एक पुजारी के द्वारा पूरा किया जाएगा. वह भी बिना गीत संगीत के साधारण तरीके से यह आरती पूरी होगी और भीड़ नहीं जुटा जाएगी.

वहीं गंगोत्री सेवा समिति के द्वारा तो बाकायदा शीतला घाट पर एक बैनर लगा दिया गया है कि अगले आदेश तक आरती स्थगित रहेगी. फिलहाल भीड़ जबरदस्त है और कल स्नान के साथ ही साधु संतों का भी गंगा स्नान होना है. इसके अलावा संत रविदास के जन्म स्थल पर भी लाखों की भीड़ पहुंच चुकी है ऐसे में गंगा आरती का सांकेतिक होना और स्थगित किया जाना निश्चित तौर पर प्रशासन के लिए बड़ी राहत की बात होगी.

विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को खास व्यवस्था: महाकुंभ से लौट रही भीड़ को देखते हुए वाराणसी के गंगा घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती सांकेतिक रूप से पूरी की गई. गंगा सेवा निधि की तरफ से दशा सम्मिट घाट पर होने वाली गंगा आरती साथ ब्राह्मणों की जगह एक ब्राह्मण ने की और सिर्फ डमरू और घंटी बजाते हुए ब्राह्मण ने मंत्र उच्चारण के बीच आरती को संपन्न कराया. आरती सात ब्राह्मणों के द्वारा होती है, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से आरती को सांकेतिक रूप से किया जा रहा है, जिसका निर्णय मंगलवार देर शाम लिया.

वहीं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास विश्वनाथ धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं को उत्तम सुविधा उपलब्ध कराने का भरपूर प्रयास कर रहा है. न्यास के विभिन्न अधिकारीगण समय-समय पर धाम में भ्रमण कर श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. सायंकाल मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने शंकराचार्य चौक से लेकर गंगा द्वार तक निरीक्षण कर भक्तों की सहूलियत के लिए इंतजामों को चाक-चौबंद कराया.

उन्होंने धाम में दर्शन के लिए कतार में लगे श्रद्धालुओं से बातचीत कर व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया. उन्होंने धाम में कतारबद्ध बुजुर्गों से भी धाम में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, वहीं बच्चों में चाकलेट वितरित किया. इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ लाइन में लगे माता-पिता के सुगम दर्शन की व्यवस्था कराई. बेंगलुरु से तीन माह की बच्ची के साथ धाम में आए माता-पिता को उन्होंने साथ ले जाकर श्री विश्वेश्वर महादेव का दर्शन कराया.

इसके बाद धाम में बने लाउंज में दूधमुंही बच्ची के दुग्धपान की व्यवस्था कराई गई. मंदिर न्यास के इस सहयोग के लिए बेंगलुरु से आए परिवार ने इसे महादेव की कृपा बताते हुए कहा कि महादेव के सेवक न्यास के प्रतिनिधि के रूप में भक्तों की सुविधा का ध्यान रख रहे हैं. सीईओ ने न्यास के कार्मिकों को श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखना और गोद में बच्चे लेकर लाइन में लगे लोगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ें - प्रयागराज महाकुंभ की भीड़ नियंत्रित करने को बनारस में टाइट व्यवस्था; IPS-PCS समेत 46 अफसरों की फौज तैनात - MAHA KUMBH MELA 2025 CROWD

वाराणसी: महाकुंभ से लौट रही भीड़ की वजह से धर्म नगरी वाराणसी में जबरदस्त पलट प्रवाह का असर दिख रहा है. विश्वनाथ मंदिर से लेकर काल भैरव मंदिर और गंगा घाट से लेकर गलियों तक हर तरफ जबरदस्त भीड़ है. पुलिस ड्रोन के जरिए भीड़ की निगरानी कर रही है. ड्रोन शॉट में भी भीड़ जबरदस्त दिखाई दे रही है. इन सबके बीच वाराणसी के दशाश्वमेध और शीतला घाट पर होने वाले नियमित गंगा आरती को लेकर समितियों ने फैसला किया है. मंगलवार को गंगा घाट पर महाकुंभ आए लौट रही भीड़ के कारण सांकेतिक गंगा आरती हुई

दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि ने गंगा घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती को 7 अर्चकों की जगह सांकेतिक रूप से सिर्फ एक अर्चक के द्वारा पूरा करने का निर्णय लिया है, जबकि शीतला घाट पर गंगोत्री सेवा समिति ने अगले आदेश तक आरती को ही स्थगित कर दिया है. वहीं बढ़ रही भीड़ की वजह से नौका संचालन भी शाम 6:00 बजे तक ही होगा.

गंगा सेवा निधि अध्यक्ष सुशान्त मिश्रा ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

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दरअसल, गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति यह दो सबसे पुरानी आरती समितियां हैं, जो लंबे वक्त से गंगा आरती कर रही है. दोनों अगल-बगल घाटों पर ही गंगा आरती होती है. जिसमें प्रतिदिन हजारों की भीड़ होती है. लेकिन इधर लगभग एक सप्ताह से दोनों आरतियों में जबरदस्त जन सैलाब उमड़ रहा है. जिसकी वजह से प्रशासन को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबरदस्त भीड़ के कारण गंगा समितियों को प्रशासनिक आदेश के बाद आरती को सांकेतिक रूप से करने के लिए कहा गया था.

इस बारे में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा का कहना है कि मां गंगा की नियमित गंगा आरती भाव म्यूजिक और संगीत के साथ होती है. जिसमें पुजारी के द्वारा इसे पूरा किया जाता है. लेकिन जबरदस्त भीड़ की वजह से आरती को सांकेतिक रूप से सिर्फ एक पुजारी के द्वारा पूरा किया जाएगा. वह भी बिना गीत संगीत के साधारण तरीके से यह आरती पूरी होगी और भीड़ नहीं जुटा जाएगी.

वहीं गंगोत्री सेवा समिति के द्वारा तो बाकायदा शीतला घाट पर एक बैनर लगा दिया गया है कि अगले आदेश तक आरती स्थगित रहेगी. फिलहाल भीड़ जबरदस्त है और कल स्नान के साथ ही साधु संतों का भी गंगा स्नान होना है. इसके अलावा संत रविदास के जन्म स्थल पर भी लाखों की भीड़ पहुंच चुकी है ऐसे में गंगा आरती का सांकेतिक होना और स्थगित किया जाना निश्चित तौर पर प्रशासन के लिए बड़ी राहत की बात होगी.

विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को खास व्यवस्था: महाकुंभ से लौट रही भीड़ को देखते हुए वाराणसी के गंगा घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती सांकेतिक रूप से पूरी की गई. गंगा सेवा निधि की तरफ से दशा सम्मिट घाट पर होने वाली गंगा आरती साथ ब्राह्मणों की जगह एक ब्राह्मण ने की और सिर्फ डमरू और घंटी बजाते हुए ब्राह्मण ने मंत्र उच्चारण के बीच आरती को संपन्न कराया. आरती सात ब्राह्मणों के द्वारा होती है, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से आरती को सांकेतिक रूप से किया जा रहा है, जिसका निर्णय मंगलवार देर शाम लिया.

वहीं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास विश्वनाथ धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं को उत्तम सुविधा उपलब्ध कराने का भरपूर प्रयास कर रहा है. न्यास के विभिन्न अधिकारीगण समय-समय पर धाम में भ्रमण कर श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. सायंकाल मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने शंकराचार्य चौक से लेकर गंगा द्वार तक निरीक्षण कर भक्तों की सहूलियत के लिए इंतजामों को चाक-चौबंद कराया.

उन्होंने धाम में दर्शन के लिए कतार में लगे श्रद्धालुओं से बातचीत कर व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया. उन्होंने धाम में कतारबद्ध बुजुर्गों से भी धाम में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, वहीं बच्चों में चाकलेट वितरित किया. इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ लाइन में लगे माता-पिता के सुगम दर्शन की व्यवस्था कराई. बेंगलुरु से तीन माह की बच्ची के साथ धाम में आए माता-पिता को उन्होंने साथ ले जाकर श्री विश्वेश्वर महादेव का दर्शन कराया.

इसके बाद धाम में बने लाउंज में दूधमुंही बच्ची के दुग्धपान की व्यवस्था कराई गई. मंदिर न्यास के इस सहयोग के लिए बेंगलुरु से आए परिवार ने इसे महादेव की कृपा बताते हुए कहा कि महादेव के सेवक न्यास के प्रतिनिधि के रूप में भक्तों की सुविधा का ध्यान रख रहे हैं. सीईओ ने न्यास के कार्मिकों को श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखना और गोद में बच्चे लेकर लाइन में लगे लोगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया.

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Last Updated : Feb 11, 2025, 10:38 PM IST
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