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मथुरा: हाथियों के लिए बना देश का पहला हॉस्पिटल, जानें क्या है खासियत - india's first elephant hospital open in mathura

उत्तर प्रदेश मथुरा जिले में देश का एकमात्र ऐलीफेंट हॉस्पिटल मौजूद है, जहां बीमार हाथियों का इलाज किया जाता है. ऐलीफेंट हॉस्पिटल में पांच डॉक्टरों की टीम बीमार हाथियों का इलाज करती है.

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मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला ऐलीफेंट हॉस्पिटल.
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Published : Feb 27, 2020, 5:02 AM IST

मथुरा: जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर चूरमुरा गांव में देश का एकमात्र ऐलीफेंट हॉस्पिटल है, जहां बीमार हाथियों का इलाज किया जाता है. अन्य राज्यों से रेस्क्यू करने के बाद बीमार हाथियों को यहां लाया जाता है. पांच डॉक्टरों की टीम द्वारा बीमार हाथियों का यहां इलाज किया जाता है. 16 नवंबर 2018 को आगरा कमिश्नर द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. एसओएस संस्था द्वारा इस हॉस्पिटल की देख-रेख की जाती है.

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला ऐलीफेंट हॉस्पिटल.

यहां झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल से रेस्क्यू करके बीमार हाथियों को लाया जाता है और डॉक्टरों द्वारा इलाज करने के बाद बीमार हाथियों की देख-रेख की जाती है. हाथी चिकित्सक राहुल प्रसाद ने बताया कि अन्य प्रांतों से रेस्क्यू करने के बाद बीमार हाथियों को इलाज के लिए यहां लाया जाता है. उन्होंने बताया कि यहां वर्तमान में 9 हाथी हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. पांच डॉक्टरों की टीम इन बीमार हाथियों का इलाज करती है. इसके साथ ही यहां मौजूद महावत बीमार हाथियों की देख-रेख करता है.

इसे भी पढ़ें- वीडियो देख भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं पर दर्ज करें रिपोर्ट : हाईकोर्ट

मथुरा: जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर चूरमुरा गांव में देश का एकमात्र ऐलीफेंट हॉस्पिटल है, जहां बीमार हाथियों का इलाज किया जाता है. अन्य राज्यों से रेस्क्यू करने के बाद बीमार हाथियों को यहां लाया जाता है. पांच डॉक्टरों की टीम द्वारा बीमार हाथियों का यहां इलाज किया जाता है. 16 नवंबर 2018 को आगरा कमिश्नर द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. एसओएस संस्था द्वारा इस हॉस्पिटल की देख-रेख की जाती है.

मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला ऐलीफेंट हॉस्पिटल.

यहां झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल से रेस्क्यू करके बीमार हाथियों को लाया जाता है और डॉक्टरों द्वारा इलाज करने के बाद बीमार हाथियों की देख-रेख की जाती है. हाथी चिकित्सक राहुल प्रसाद ने बताया कि अन्य प्रांतों से रेस्क्यू करने के बाद बीमार हाथियों को इलाज के लिए यहां लाया जाता है. उन्होंने बताया कि यहां वर्तमान में 9 हाथी हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. पांच डॉक्टरों की टीम इन बीमार हाथियों का इलाज करती है. इसके साथ ही यहां मौजूद महावत बीमार हाथियों की देख-रेख करता है.

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