मथुरा: वृंदावन में स्थित जग प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के पट कोरोना आपदा के चलते 7 माह बाद खुले और दो दिन के बाद ही अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए. इससे जहां भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. वहीं नगर की आर्थिक व्यवस्था भी लगातार बिगड़ती जा रही है. जिसे लेकर विभिन्न संगठन ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर को खुलवाने के लिए आंदोलन पर उतारू हो गए हैं.
बांके बिहारी मंदिर के पट खोले जाने को लेकर धर्म रक्षा संघ के तत्वावधान में गुरुवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है. ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद तो संघ का धरना भी अनिश्चितकालीन रहेगा. इसी निर्णय के साथ मंदिर के गेट नम्बर एक के सामने आयोजित धरना में सन्त-महंत, मंदिर के सेवायत, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता एवं भक्तों ने हिस्सा लिया. लोगों का कहना है कि मंदिर प्रबंधन ने मनमाना रवैया अपनाते हुए मंदिर को बंद कर दिया है. इसलिए मंदिर न खुलने तक उनका धरना जारी रहेगा.
तीर्थ पुरोहित ब्रजवासी पंडा सभा एवं ब्राह्मण महासभा के संयुक्त तत्वावधान में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रकरण को लेकर गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया. मथुरा मार्ग स्थित दाऊजी की बगीची में आयोजित बैठक में दोनों संगठनों के पदाधिकारी व सदस्यों ने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर आम भक्तों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद होने पर आक्रोश व्यक्त किया. उन्होंने जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन से मांग की है कि मंदिर को जल्द से जल्द खोला जाए. जिससे आर्थिक संकट झेल रहे लोगों को राहत मिल सके. साथ ही निर्णय लिया गया कि मंदिर न खुलने पर आंदोलन किया जाएगा.
लोगों का कहना है कि धर्म की नगरी वृंदावन के अधिकतर लोग बांके बिहारी मंदिर पर निर्भर करते हैं. उनकी आजीविका बांके बिहारी पर दर्शन करने के लिए आए श्रद्धालु भक्तों से ही चलती है. मंदिर पर निर्भर करने वाले लोगों की आमदनी का जरिया खत्म हो चुका है, और उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है .इसके लिए जल्द से जल्द मंदिर को खोला जाना बहुत आवश्यक है.