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वर्ल्ड टूरिज्म डे: विदेशों में बढ़ी मथुरा में बनी कान्हा की ड्रेस की डिमांड

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Published : Sep 27, 2019, 5:33 PM IST

धर्मनगरी वृंदावन में ठाकुर जी के लिए तैयार की गई पोशाकों की मांग विदेशों में भी रहती है. देश ही नहीं विदेशों से जो श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन में मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं, यहां से वस्त्र अपने आराध्य भगवान श्री ठाकुर जी के लिए जरूर ले जाते हैं.

विदेशों में हो रही ठाकुर जी के पोशाकों की डिमांड

मथुरा: धर्मनगरी वृंदावन में ठाकुर जी के लिए विशेष प्रकार की रंग बिरंगी पोशाकें तैयार की जाती हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां की पोशाक बहुत ही पसंद आती है. यहां पर ठाकुर जी के पोषाक से लेकर हार और श्रृंगार के सारे सामान तैयार किये जाते हैं.

विदेशों में बढ़ी मथुरा में बनी कान्हा की ड्रेस की डिमांड.

देश ही नहीं विदेशों से जो श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं. यहां के वस्त्र अपने आराध्य भगवान के लिए जरूर ले जाते हैं. इसलिए वृंदावन को ठाकुर जी की पोशाक तैयार करने का स्थान माना जाता है.

ठाकुर जी के पोशाकों की विदेशों में भी डिमांड
वृंदावन में ठाकुर जी के लिए बनाए गए कपड़ों का कारोबार पूरी तरह से सैलानियों पर ही निर्भर रहता है, क्योंकि हर साल मथुरा-वृंदावन के मंदिरों के दर्शन करने के लिए तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी आते हैं. जानकारी के मुताबिक यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है. पोशाक के कारीगरों के लिए हर साल मुनाफा होता है. वृंदावन में तैयार की गई पोशाकें देश ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई की जाती है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, रूस और जर्मनी में ठाकुर जी के लिए पोशाकों की सप्लाई की जाती है.

यहां पर तैयार की गई पोशाकें विदेशों में भी सप्लाई की जाती हैं. हर साल जो सैलानी दर्शन करने के लिए आते हैं मथुरा-वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक अवश्य ले जाते हैं. अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, रूस और जर्मनी में ठाकुर जी के लिए पोशाकों की सप्लाई की जाती है.
- अमित गोस्वामी, कारखाना मालिक

मथुरा: धर्मनगरी वृंदावन में ठाकुर जी के लिए विशेष प्रकार की रंग बिरंगी पोशाकें तैयार की जाती हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां की पोशाक बहुत ही पसंद आती है. यहां पर ठाकुर जी के पोषाक से लेकर हार और श्रृंगार के सारे सामान तैयार किये जाते हैं.

विदेशों में बढ़ी मथुरा में बनी कान्हा की ड्रेस की डिमांड.

देश ही नहीं विदेशों से जो श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं. यहां के वस्त्र अपने आराध्य भगवान के लिए जरूर ले जाते हैं. इसलिए वृंदावन को ठाकुर जी की पोशाक तैयार करने का स्थान माना जाता है.

ठाकुर जी के पोशाकों की विदेशों में भी डिमांड
वृंदावन में ठाकुर जी के लिए बनाए गए कपड़ों का कारोबार पूरी तरह से सैलानियों पर ही निर्भर रहता है, क्योंकि हर साल मथुरा-वृंदावन के मंदिरों के दर्शन करने के लिए तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी आते हैं. जानकारी के मुताबिक यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है. पोशाक के कारीगरों के लिए हर साल मुनाफा होता है. वृंदावन में तैयार की गई पोशाकें देश ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई की जाती है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, रूस और जर्मनी में ठाकुर जी के लिए पोशाकों की सप्लाई की जाती है.

यहां पर तैयार की गई पोशाकें विदेशों में भी सप्लाई की जाती हैं. हर साल जो सैलानी दर्शन करने के लिए आते हैं मथुरा-वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक अवश्य ले जाते हैं. अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, रूस और जर्मनी में ठाकुर जी के लिए पोशाकों की सप्लाई की जाती है.
- अमित गोस्वामी, कारखाना मालिक

Intro:मथुरा। धर्म की नगरी वृंदावन में ठाकुर जी के लिए अलग रंग की पोशाक तैयार की जाती हैं। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां की पोशाक बहुत ही पसंद आती है। इसलिए बृंदावन ठाकुर जी के वस्त्र तैयार करने की बड़ी मंडी माना जाता है। देश का एकमात्र स्थान जहां ठाकुर जी के लिए वस्त्र माला मोती के हार सभी तैयार की जाते हैं। देश ही नहीं विदेशों से जो श्रद्धालु मथुरा वृंदावन मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं ।यहां के वस्त्र अपने आराध्य भगवान के लिए जरूर ले जाते हैं इसलिए वृंदावन देश का एकमात्र बड़ी पोशाक तैयार करने की स्थान माना जाता है।


Body:वृंदावन के घर-घर में ठाकुर जी के लिए अलग-अलग रंग के वस्त्र मोती के हार तैयार किए जाते हैं। यहां का कारोबार पूरे सैलानियों पर ही निर्भर रहता है। क्योंकि हर साल मथुरा वृंदावन के मंदिरों के दर्शन करने के लिए तीन करोड़ से ज्यादा सैलानी आते हैं। और यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है।पोशाक के कारीगरों के लिए हर साल मुनाफा होता है। क्योंकि वृंदावन से तैयार की गई पोशाक देश ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई की जाती है। जिसमें अमेरिका फ्रांस इंग्लैंड रूस जर्मनी ठाकुर जी के लिए पोशाक भेजते हैं।


Conclusion:पोशाक तैयार करने वाले कारीगर सुनीता ने बताया हम 5 साल से यहां पोशाक तैयार करने का काम करते हैं और इस कारखाने में 8 कारीगर सुबह 9:00 बजे से ठाकुरजी की पोशाक तैयार करने में जुट जाते हैं। क्योंकि वृंदावन की पोशाक तैयार होने के बाद विदेशों में भी सप्लाई होती है हर साल यहां की पोशाक की डिमांड बढ़ती ही जा रही है।
अमित गोस्वामी कारखाना मालिक ने बताया वृंदावन ठाकुर जी के वस्त्र तैयार करने की बड़ी मंडी माना जाता है और यहां की पोशाक विदेशों में भी सप्लाई की जाती है हर साल जो सैलानी दर्शन करने के लिए आते हैं मथुरा वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक अवश्य ले जाते हैं और यहां की पोशाक की सुंदरता इन कारीगरों द्वारा तैयार की जाती है।


वाइट सुनीता महिला कारीगर
वाइट अमित गोस्वामी कारखाना मालिक
पीटीसी प्रवीन शर्मा


mathura reporter
praveen sharma
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