मुड़िया संतो ने सिर मुड़वा कर शुरु की शोभायात्री की तैयारी मथुरा: गोवर्धन कस्बे के श्री राधा श्यामसुंदर चकलेश्वर मंदिर में मुड़िया संतो ने गुरु पूर्णिमा पर्व को लेकर तैयारियां शुरु कर दी है. वहीं, दशकों से चली आ रही प्राचीन परंपरा अपने गुरु की याद में मुड़िया संतो ने सिर के बाल मुड़वा कर उनको याद किया. गुरु पूर्णिमा पर्व के दिन कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा में हजारों की संख्या में साधु-संत, भक्तगण और विदेशी श्रद्धालु शामिल होंगे. ढोल, नगाड़े, बैंड-बाजे और मजीरे की धुन पर नाचते हुए श्री राधा श्यामसुंदर चकलेश्वर मंदिर से मानसी गंगा तक शोभायात्रा निकाली जाती है.
गुरु पूर्णिमा मेले का नाम मुड़िया मेला: राजकीय गुरु पूर्णिमा मेला को लेकर गोवर्धन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु, विदेशी भक्तगण गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाने के लिए यहां पहुंचते हैं. 21 किलोमीटर सप्तकोशी परिक्रमा लगाई जाती है. बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सभी लोग मानव श्रृंखला के रूप में परिक्रमा लगाते हैं. गुरु पूर्णिमा मेला राजकीय मेले और मुड़िया मेले के नाम से भी विख्यात है. जिला प्रशासन का अनुमान है कि इस बार भी करीब 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं यहां परिक्रमा लगाने के लिए पहुंचने वाले हैं.29 जून से मेले का शुभारंभ: राजकीय गुरु पूर्णिमा मेला को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. 29 जून को मेले का शुभारंभ हो चुका है. गोवर्धन के प्रमुख मंदिर दानघाटी, मुखारविंद, मानसी गंगा, कुसुम सरोवर अनेक मंदिरों में विशेष सजावट की गई है. तो वहीं जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मेले की सुरक्षा को लेकर जोन, सुपर जोन और सेक्टरों में कस्बे को बांटा गया है. 33 सौ से अधिक पुलिसकर्मी, एडिशनल एसपी, सीओ के साथ महिला सिपाही, यातायात सिपाही और होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई है.वहीं, मुड़िया संत रामकृष्ण दास ने बताया 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया है. मुढ़िया साधु-संतों ने आज सिर के बाल मुंडवा कर शोभा यात्रा की तैयारी शुरू की है. कल कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. अपने गुरु की याद में मुड़िया संत एकजुट होकर अपने सर मुंडवाते हैं और गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाते है.
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