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मथुरा: ब्रज के मंदिरों में देखने को मिल रहे होली के अलग-अलग रंग

मथुरा में होली मनाने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. यह सिलसिला एक बार फिर शुरु हो गया है. ब्रज के मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. अब चाहे वो बांके बिहारी मंदिर हो या द्वारकाधीश मंदिर.

ब्रज के मंदिरों की होली
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Published : Mar 11, 2019, 10:02 PM IST

मथुरा: ब्रज के मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. होली चाहे वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की हो या मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर. ब्रज में इस त्योहार का अपना ही एक अलग महत्व है.

ब्रज के मंदिरों की होली

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडास्थली गोकुल के रमणरेती आश्रम में खेली गई होली भी काफी निराली है. यहां गुलाल की होली, लट्ठमार होली और रंगों की होली शानदार तरीके से खेली जाती है. इसके अलावा बाजारों में भी होली की रौनक दिखाई दे रही है.

होली उत्सव को लेकर मंदिरों में चल रही तैयारियों की बात करें तो बांके बिहारी मंदिर में सुबह 11 बजे से ठाकुर जी को गुलाल लगाकर श्रद्धालुओं के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है. वहीं द्वारकाधीश मंदिर में होली के रसिया गायन के साथ श्रद्धालु नाच-गा रहे हैं. मंदिरों में 'आज बिरज में होली रे रसिया होरी रे रसिया' जैसे गाने गाए जा रहे हैं.

अब बरसाना के राधा रानी मंदिर में 15 मार्च को लट्ठमार होली खेली जाएगी. 17 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद लट्ठमार होली और रंगों की होली खेली जाएगी. बांके बिहारी मंदिर में 17 मार्च को ही रंगभरी एकादशी पर रंगों की होली और विधवा आश्रम में रंग गुलाल और फूलों की होली खेली जाएगी.

मथुरा: ब्रज के मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. होली चाहे वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की हो या मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर. ब्रज में इस त्योहार का अपना ही एक अलग महत्व है.

ब्रज के मंदिरों की होली

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडास्थली गोकुल के रमणरेती आश्रम में खेली गई होली भी काफी निराली है. यहां गुलाल की होली, लट्ठमार होली और रंगों की होली शानदार तरीके से खेली जाती है. इसके अलावा बाजारों में भी होली की रौनक दिखाई दे रही है.

होली उत्सव को लेकर मंदिरों में चल रही तैयारियों की बात करें तो बांके बिहारी मंदिर में सुबह 11 बजे से ठाकुर जी को गुलाल लगाकर श्रद्धालुओं के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है. वहीं द्वारकाधीश मंदिर में होली के रसिया गायन के साथ श्रद्धालु नाच-गा रहे हैं. मंदिरों में 'आज बिरज में होली रे रसिया होरी रे रसिया' जैसे गाने गाए जा रहे हैं.

अब बरसाना के राधा रानी मंदिर में 15 मार्च को लट्ठमार होली खेली जाएगी. 17 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद लट्ठमार होली और रंगों की होली खेली जाएगी. बांके बिहारी मंदिर में 17 मार्च को ही रंगभरी एकादशी पर रंगों की होली और विधवा आश्रम में रंग गुलाल और फूलों की होली खेली जाएगी.

Intro:मथुरा। ब्रज के मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं, चाहे वह वृंदावन का विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर हो या फिर मथुरा शहर का द्वारकाधीश मंदिर। भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल के रमणरेती आश्रम में खेली गई होली गुलाल की होली, लट्ठमार होली और रंगों की होली ।वहीं बाजारों में भी होली की रौनक दिखाई पड़ रही है पिचकारी ओर रंग गुलाल से भरा हुआ है बाजार।


Body:वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सुबह 11:00 बजे ठाकुर जी को गुलाल लगाकर श्रद्धालुओं के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है । वहीं द्वारकाधीश मंदिर में होली के रसिया गायन के साथ श्रद्धालु नाच रहे झूम रहे गा रहे हैं ।ब्रज में होली का महोत्सव 40 दिनों तक मनाया जाता है श्रद्धालु गाते हुए होली के रसिया गीत आज बिरज में होली रे रसिया होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया आज बिरज में होली रे रसिया के गीत मंदिरों में गाए जा रहे है।


Conclusion:मथुरा के मंदिरों में होली का रंग धीरे धीरे चढ़ने लगा है बरसाना की राधा रानी मंदिर में 15 मार्च को खेली जाएगी लठमार होली, 17 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम और लठमार होली रंगो की होली खेली जाएगी। 17 मार्च को ही रंगभरी एकादशी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगो की होली और विधवा आश्रम में रंग गुलाल और फूलों की होली खेली जाएगी।

वाइट सद्दालु


mathura reporter
praveen sharma
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