मथुरा: जिले में ब्रज के मंदिरों में होली महोत्सव का पर्व बसंत पंचमी के दिन से प्रारंभ हो जाता है. इस दिन से ब्रज के सभी मंदिरों में 40 दिनों तक होली महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी के दिन से ब्रज के मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल लगाया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर, श्रीकृष्ण जन्म स्थान, राधा रानी मंदिर सहित सभी मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन से होली महोत्सव का आगाज हो जाता है.
होली का कार्यक्रम
- 27 फरवरी को रमणरेती आश्रम में टेसू के फूलों की होली.
- 3 मार्च को बरसाना राधा रानी मंदिर में लड्डू मार होली.
- 4 मार्च को बरसाना राधा रानी मंदिर में लट्ठमार होली.
- 5 मार्च को नंदगांव नंदबाबा मंदिर में लट्ठमार होली.
- 5 मार्च को रावल गांव के राधा रानी मंदिर में लट्ठमार होली.
- 6 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मस्थान, बांके बिहारी मंदिर में लट्ठमार होली.
- 7 मार्च को गोकुल में छड़ी मार होली.
- 9 मार्च को कोसीकला के फॉलन गांव में होलिका से निकलता है पंडा.
- 10 मार्च को द्वारकाधीश मंदिर में फूलों के गुलाब की होली.
- 10 मार्च को पूरे शहर में रंगों से खेली जाएगी होली.
- 11 मार्च को बलदेव दाऊजी मंदिर में हुरंगा होली.
ब्रज के मंदिरों में 40 दिनों तक खेली जाएगी होली
ब्रज के मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग 40 दिनों तक देखने को मिलेंगे. बसंत पंचमी के दिन से ब्रज के मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल लगाया जाएगा. होली महोत्सव का पर्व देखने और खेलने के लिए दूरदराज से लाखों श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक ब्रज के मंदिरों में आते हैं. बसंत पंचमी के दिन मंदिर के सेवायत ठाकुर जी को गुलाल लगाएंगे.
ब्रज में होली का अलग-अलग रंग देखने को मिलता है. बसंत पंचमी के दिन से ब्रज के मंदिरों में होली का गुलाल ठाकुर जी को लगाया जाता है. 40 दिनों तक यहां होली खेली जाती है. बरसाने की लट्ठमार होली हो या फिर नंदगांव की लड्डू मार होली, श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होली के रंग और बांके बिहारी मंदिर में होली का नजारा देखने को मिलता है. दूर-दराज से लाखों पर्यटक होली देखने के लिए यहां आते हैं.
डीके शर्मा,पर्यटन अधिकारी