मथुराः ब्रजमंडल के साथ देशभर में होली का उत्सव बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने जमकर होली खेली. ठाकुर जी के भी दर्शन के लिए श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर के गेट नंबर 1 पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं.
श्री कृष्ण जन्मभूमि और द्वारकाधीश मंदिरः ब्रज में 40 दिनों तक होली का रंग उत्सव हर्षोल्लास के साथ खेला जाता है. दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालु ब्रज मंडल में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली में होली का आनंद लिया. द्वारकाधीश मंदिर और श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में ठाकुर जी के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने जमकर होली खेली. दूरदराज से आए श्रद्धालु ढोल नगाड़े की धुन पर जमकर डांस करते हुए दिखे.
सुरक्षा के व्यापक इंतजामः होलिका दहन और होली का पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए. शहर के अनेक चौराहों पर होलिका की प्रतिमा दहन किया गया. सुबह की पहली किरण के साथ होली के हुड़दंग में श्रद्धालु बृजवासी सरोबर नजर आए. वहीं, जिला प्रशासन ने पुलिस बल के साथ सादे कपड़ों में भी पुलिस जवान को तैनात किया गया था.
ब्रज में होली का हुड़दंगः बसंत पंचमी के दिन से ब्रज में होली की शुरुआत हो जाती है और रंगभरी एकादशी के दिन ब्रज के सभी मंदिरों में ठाकुर जी को रंग लगाकर पूरा मंदिर प्रांगण रंगीन नजर आता है. होली के हुड़दंग को लेकर हर वर्ष की भांति दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां होली का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं. ब्रज में पूरे 40 दिनों तक कहीं फूलों की होली, तो कहीं लड्डुओं की होली, लट्ठमार होली तो रंग गुलाल के साथ अनोखे अंदाज में होली खेली जाती है.
वहीं, ब्रज के साथ देशभर में होली का रंग उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ खेला गया. बुधवार की शाम वृंदावन स्थित चंद्रोदय मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त चैतन्य महाप्रभु का अवतरण दिवस और होली महोत्सव कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हरि कीर्तन के साथ भक्तों ने अद्भुत दर्शन किए दूरदराज से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अद्भुत आनंद लिया. विश्व प्रसिद्ध ब्रजमंडल की होली उत्सव के मध्य फाल्गुन की पूर्णिमा को प्रेमावतार चैतन्य चंद्र का अवतरण हुआ. वृन्दावन के चंद्रोदय मंदिर में श्रीगौरांग महाप्रभु की जयंती पर मंदिर प्रांगण में फूल बंगला छप्पन भोग पालकी उत्सव महाभिषेक, हरिनाम संकीर्तन एवं फूलों की होली का आयोजन किया गया. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने उत्सव का आनद लिया.
चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास ने कहा गौड़ीया वैष्णव आचार्य भक्ति विनोद ठाकुर गौर तत्व कि व्यख्या में कहते है चैतन्य महाप्रभु स्वयं नंद सुता हैं. प्रेमावतार चैतन्य महाप्रभु निज नाम का दान करने के लिए अवतरित हुए, वो कलियुग में अधम प्राणियों के उद्धार के लिए, महाप्रभु ने नाम प्रभु के रूप में अवतरण लिया. उन्होंने हरे कृष्ण मंत्र को जन सामान्य के लिए प्रकाशित किया. इनका पूरा शरीर संकीर्तन शरीर है.
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