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श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह विवाद : 26 अगस्त को होगी अगली सुनवाई - भगवान श्री कृष्ण के वंशज मनीष यादव

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सोमवार को मथुरा कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 26 अगस्त की तारीख नियत की है.

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि
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Published : Aug 8, 2022, 10:38 AM IST

Updated : Aug 8, 2022, 5:48 PM IST

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण की सोमवार को मथुरा जनपद के दो न्यायालयों में सुनवाई हुई. सुनवाई को दौरान विपक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी, कि वादी पक्ष ने प्रकरण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं और दस्तावेज देने में भी आनाकानी कर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की है. यह सुनवाई महज 20 मिनट तक ही चली.

शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद का कहना है कि बड़ी विडंबना है वादी पक्ष द्वारा कहा गया है कि मामले का 4 महीने में निस्तारण होना चाहिए. लेकिन जिस दिन सुनवाई होती है, उस दिन न्यायालय से समय मांग लिया जाता है. दूसरे पक्ष के अधिवक्ता द्वारा इस प्रकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा पत्रावली कई बार मांगी गई थी, लेकिन वादी द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई. आज न्यायालय में प्रकरण को लेकर बहस हुई थी, मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है.

वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. प्रतिवादी पक्ष को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर पत्रावली उपलब्ध न कराने के कारण मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है. सुनवाई के दौरान पक्ष विपक्ष के अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद रहे. पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर दोपहर 2 बजे के बाद अपनी दलीलें पेश कीं. भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव और 7 लॉ स्टूडेंट के प्रार्थना पत्र पर यह सुनवाई हुई. जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन और अपर जिला न्यायाधीश सेवन की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता

वहीं, भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रार्थना पत्र में मांग की गई है कि विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर से हटाई जाए. वहां पर भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर निर्माण हो. क्योंकि मुगल शासक औरंगजेब ने भगवान कृष्ण का मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया था. दूसरी मांग है कि न्यायालय वरिष्ठ कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके मौका मुआयना की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें. वहीं दूसरा प्रार्थना पत्र एडीजे सेवन कोर्ट में है. सेवन लॉ स्टूडेंट ने छह माह पूर्व न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी प्रकरण एक में सम्मिलित किए जाएं और हर रोज सुनवाई की जाए. इस मामले पर भी आज सुनवाई हुई.

कई मामले न्यायालय में विचाराधीन: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन एडीजे-7 और जिला जज की कोर्ट में एक दर्जन से अधिक मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं. समय-समय पर वादी गण द्वारा पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी दलील पेश करते हैं और न्यायालय द्वारा अग्रिम तारीख भी निर्धारित की जाती है.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में अब 18 अगस्त को होगी सुनवाई

याचिकाएं हो चुकी है खारिज: अखिल भारत हिंदू महासभा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की दो याचिकाएं न्यायालय की तरफ से पहले ही खारिज की जा चुकी हैं. जिसमें विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में पूजा अर्चना और भगवान का जलाभिषेक करने की अनुमति मांगी गई थी. न्यायालय द्वारा याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं.

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मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण की सोमवार को मथुरा जनपद के दो न्यायालयों में सुनवाई हुई. सुनवाई को दौरान विपक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी, कि वादी पक्ष ने प्रकरण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं और दस्तावेज देने में भी आनाकानी कर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की है. यह सुनवाई महज 20 मिनट तक ही चली.

शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद का कहना है कि बड़ी विडंबना है वादी पक्ष द्वारा कहा गया है कि मामले का 4 महीने में निस्तारण होना चाहिए. लेकिन जिस दिन सुनवाई होती है, उस दिन न्यायालय से समय मांग लिया जाता है. दूसरे पक्ष के अधिवक्ता द्वारा इस प्रकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा पत्रावली कई बार मांगी गई थी, लेकिन वादी द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई. आज न्यायालय में प्रकरण को लेकर बहस हुई थी, मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है.

वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. प्रतिवादी पक्ष को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर पत्रावली उपलब्ध न कराने के कारण मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है. सुनवाई के दौरान पक्ष विपक्ष के अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद रहे. पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर दोपहर 2 बजे के बाद अपनी दलीलें पेश कीं. भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव और 7 लॉ स्टूडेंट के प्रार्थना पत्र पर यह सुनवाई हुई. जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन और अपर जिला न्यायाधीश सेवन की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता

वहीं, भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रार्थना पत्र में मांग की गई है कि विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर से हटाई जाए. वहां पर भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर निर्माण हो. क्योंकि मुगल शासक औरंगजेब ने भगवान कृष्ण का मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया था. दूसरी मांग है कि न्यायालय वरिष्ठ कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके मौका मुआयना की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें. वहीं दूसरा प्रार्थना पत्र एडीजे सेवन कोर्ट में है. सेवन लॉ स्टूडेंट ने छह माह पूर्व न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी प्रकरण एक में सम्मिलित किए जाएं और हर रोज सुनवाई की जाए. इस मामले पर भी आज सुनवाई हुई.

कई मामले न्यायालय में विचाराधीन: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन एडीजे-7 और जिला जज की कोर्ट में एक दर्जन से अधिक मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं. समय-समय पर वादी गण द्वारा पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी दलील पेश करते हैं और न्यायालय द्वारा अग्रिम तारीख भी निर्धारित की जाती है.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में अब 18 अगस्त को होगी सुनवाई

याचिकाएं हो चुकी है खारिज: अखिल भारत हिंदू महासभा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की दो याचिकाएं न्यायालय की तरफ से पहले ही खारिज की जा चुकी हैं. जिसमें विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में पूजा अर्चना और भगवान का जलाभिषेक करने की अनुमति मांगी गई थी. न्यायालय द्वारा याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं.

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Last Updated : Aug 8, 2022, 5:48 PM IST
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