मथुरा: जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में बुधवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण (Shri Krishna Janmabhoomi Idgah case) में मुख्य पक्षकार मनीष यादव के वाद पर सुनवाई हुई. पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए. दोपहर 2:00 बजे बाद 7 रूल 11 पर वादी के अधिवक्ता ने 20 मिनट तक बहस की. जिसके बाद इस केस में वादी की बहस पूरी हो चुकी है. वहीं, अब मुस्लिम पक्ष 17 जनवरी को अपनी दलीलें पेश करेगा.
तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर मनीष यादव के वाद पर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद वादी की बहस पूरी हो चुकी है. 17 जनवरी को इस प्रकरण में मुस्लिम पक्ष ओर से बहस की जाएगी. हमने कोर्ट के समक्ष कई बिंदु रखे हैं, जिन्होंने न्यायालय में वाद दाखिल किया है. वह न तो संस्थान के सदस्य हैं और न ही पदाधिकारी स्थानीय निवासी है. जन्मभूमि से उनका कोई ताल्लुक ही नहीं है. केवल बाहर के लोग आकर यहां पर माहौल खराब करना चाहते हैं. 17 जनवरी को सुनवाई के दौरान हम लोग अपनी बातें रखेंगे.
न्यायालय में दस वाद विचाराधीन
श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन, अपर तृतीय सिविल जज सीनियर डिविजन अपर जिला न्यायाधीश सेवंथ और जिला जज की कोर्ट में दस वाद न्यायालय में विचाराधीन है. जिनमें प्रमुख कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री, श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के मुख्य पक्षकार मनीष यादव, अखिल भारत हिंदू महासभा, महेंद्र प्रताप सिंह, अनिल त्रिपाठी, धर्मेंद्र गिरी, हिंदू सेना सहित तीन अन्य वाद शामिल है.
मौजूदा स्थिति
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट मैं जो समझौता हुआ था. उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
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