मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक को लेकर सोमवार को जिला जज की कोर्ट में पहली पिटीशन श्रीकृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री पर सुनवाई नहीं हुई. नो वर्क होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हुई. अगली सुनवाई 18 फरवरी को तय की गई है. वादी प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में अगली तारीख पर उपस्थित होंगे. दो साल पूर्व कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने न्यायालय में पिटिशन दाखिल की थी.
25 सितंबर 2020 को जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर वाद दायर किया था. जोकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की पहली पिटीशन भी थी. कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर जिला न्यायालय की कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन नो वर्क होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 18 फरवरी को तय की गई है. वादी प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता अगली सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित रहेंगे.
जिला जज की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक के मामले मैं न्यायालय में शाही ईदगाह पक्ष अधिवक्ता ने कहा था कि यह वाद सुनने लायक नहीं है. इसलिए इसको खारिज कर दिया जाए, क्योंकि पिछले कई दशकों से उसी स्थान पर शांति सौहार्द के साथ दिवाली और ईद प्रेमपूर्वक मनाई जाती आ रही है. कुछ लोग मथुरा में माहौल खराब करना चाहते हैं, जिसके कारण यह विवादित मामला न्यायालय में लाया गया या मामला निराधारहीन है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
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कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने पिछले साल 25 सितंबर को जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में पिटीशन दाखिल की. इसमें चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है.
शाही ईदगाह पक्ष अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सोमवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई होनी थी. नो वर्क होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हुई. अगली सुनवाई 18 फरवरी को तय की गई है.
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