मथुरा: जनपद में वायरल फीवर (Viral fiver and Dengue) और डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोग चिकित्सकीय इलाज के अलावा घरेलू और पुराने नुस्खों को भी अपना रहे हैं. खासकर, डेंगू बीमारी को कंट्रोल करने के लिए बकरी का दूध वरदान साबित हो रहा है. लिहाजा, इसकी डिमांड अच्छी खासी बढ़ गई है. ऐसे में वेटरनरी कॉलेज के बकरी फार्म में बकरी के दूध की उत्पादन क्षमता बढ़ा दी गई है. मौजूदा वक्त में बकरी का दूध खरीदने के लिए प्रतिदिन 70 से 80 लोग वेटरनरी कॉलेज पहुंच रहे हैं. हालांकि, दूध का बाजार भाव आसमान छू रहा है. लोग आठ सौ से एक हजार रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध खरीद रहे हैं.
जनपद में पिछले 2 महीने से वायरल फीवर और डेंगू के प्रकोप के चलते मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जबकि सरकारी आंकड़ों में मरीजों की संख्या को छिपाया जा रहा है. जनपद की मांट, महावन, गोवर्धन और छाता तहसीलों के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में बीमारी फैली हुई है. हर रोज स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में मरीजों की देखरेख कर रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने का भी दावा किया जा रहा है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय के वेटरनरी कॉलेज परिसर में बने बकरी गोट फार्म में बकरी के दूध की क्षमता बढ़ा दी गई है. प्रतिदिन 70 से 80 लोग बकरी का दूध खरीदने के लिए फार्म पर पहुंच रहे हैं. फार्म पर 100 से ज्यादा बकरियों का दूध सेल किया जा रहा है जो कि बाजार से कम कीमत में मिल जाता है.
एक हजार रुपये लीटर बिक रहा बकरी का दूध
डेंगू और वायरल फीवर के चलते मरीजों में प्लेटलेट्स गिरने आम बात है, जिसमें दवाओं के साथ बकरी का दूध भी काफी फायदेमंद माना जाता है. बकरी का दूध बाजार में आठ सौ से एक हजार रुपये लीटर के हिसाब से बिक रहा है. दूध खरीदने के लिए सुबह से ही लाइन लग जाती है. हालांकि, वेटरनरी विश्वविद्यालय में बकरी का दूध तीस रुपये लीटर के हिसाब से बिक रहा है.
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बकरी का दूध फायदेमंद
पशु चिकित्सकों के हिसाब से बकरी का दूध गाय के दूध से भी हल्का होता है. लिहाजा, पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मददगार है. बकरी के दूध में विटामिन सी, जिंक और सेलेनियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.