मथुरा: जनपद में वायरल फीवर के चलते मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है. फरह क्षेत्र के कोह, जाचौंदा और बलदेव क्षेत्र में वायरल बुखार के चलते अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है. इन तीन गांव में 60 से ज्यादा लोग बीमार हैं. बीमार बच्चे और बुजुर्ग लोगों का इलाज पास के प्राइवेट अस्पतालों में कराया जा रहा है. रहस्यमयी बुखार की चलते लोग इतना डरे हुए हैं कि ग्रामीण अपना घर छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. गांव से अब तक पचास परिवार पलायन का चुके हैं.
डेंगू बुखार के खौफ के कारण ग्रामीण कर रहे पलायन गांव के लोग अपना घर बार छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. कोह गांव में अब तक पचास परिवार रहस्यमयी बुखार के खौफ के चलते पलायन कर चुके हैं. ग्रामीणों के घरों में ताले लटके हुए हैं. इस गांव में एक भी बच्चा मौजूद नहीं है. बीमार बच्चों का इलाज मथुरा, आगरा, हाथरस, राजस्थान के जयपुर में कराया जा रहा है. गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है.प्रदेश और केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ सेवाएं पहुंचाने के लाख दावे करती हों लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ सेवाएं बदहाल हैं. ग्रामीण इलाकों में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है. वहीं बारिश के मौसम में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है.
फरह क्षेत्र के कोह गांव में वायरल फीवर के चलते 11 अगस्त को बच्चे की मौत का मामला प्रकाश में आया था. 10 दिन बाद स्वास्थ विभाग की टीम गांव में पहुंची. जब तक गांव में चार और बच्चों की मौत हो चुकी थी. वायरल फीवर के चलते मरीजों की संख्या गांव में बढ़ती जा रही है. कोह गांव में अब तक बुखार से 11 बच्चों की मौत हो चुकी है. करीब 60 बुजुर्ग और बच्चे बीमार हैं, जिनका इलाज अस्पतालों में कराया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिन लोगों की जांच की है, उन सभी में डेंगू की पुष्टि हुई है.
वायरल फीवर के कारण ग्रामीण कर रहे पलायन गांव में वायरल फीवर के चलते ग्रामीण डरे हुए हैं. ग्रामीण जितेंद्र चौहान ने बताया बुखार के चलते हर रोज बच्चों की मौत हो रही है. गांव वाले डर की वजह से घरों से पलायन करने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ. ग्रामीण अपने बच्चों को निजी अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करा रहे हैं.
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गांव में महिला ने बताया बुखार के कारण कई बच्चों की मौत हो गई. कुछ बच्चे बीमार हैं. गांव में तीन साल से 12 साल उम्र के बच्चों की मौत हुई थी. महिला ने बताया 10 दिन पहले उनके नाती को बुखार आया था और डॉक्टरों ने कुछ दवाई दी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दो दिन बाद नाती की मौत हो गई. घर में कई बच्चे बीमार हैं. सभी बच्चों का इलाज आगरा अस्पताल में कराया जा रहा है.