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मथुरा: दुर्दशा और हताशा से परेशान हुए किसान, सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के लोग विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि खेत बेचना और आत्महत्या करना आम बात हो गई है. इन्ही सब कारणों से हम लोगों को शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है.

किसानों ने किया प्रदर्शन
किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jan 9, 2020, 12:29 PM IST

मथुरा: जिले में बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर यह प्रदर्शन किया है. इस दौरान किसानों ने बताया कि दुर्दशा और हताशा से खेत बेचना व आत्महत्या करना आम बात हो गई है. इसके कारण किसानों को शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है और किसान मजबूर बनते चले जा रहे हैं.

किसानों ने किया प्रदर्शन.


किसानों ने किया प्रदर्शन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मथुरा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने बताया कि हताशा में खेत बेचना और आत्महत्या करना आम बात हो गई है. इन्ही सब कारणों से हमलोगों को शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है.

रोजगार के अभाव में शहर को कर रहे पलायन

किसानों के सामने रोजगार और सामाजिक सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो गया है. किसान मजदूरों के बेटों के लिए दूर-दूर तक रोजगार दिखाई नहीं पड़ रहा है. दिन-प्रतिदिन उद्योग बंद हो रहे हैं और खेती घाटे का धंधा बन गई है. देश के करीब 200 किसान संगठनों ने 'खेती बचाओ किसान बचाओ व गांव बचाओ' देश बचाओ नारे के तहत मजबूरी में पहली बार किसान हड़ताल का फैसला किया है. किसानों दूध देना, सब्जी देना किसी भी सेवा को देना बंद कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:-मथुरा: 'भारतीय किसान यूनियन' ने आंदोलन की बनाई रणनीति

मथुरा: जिले में बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर यह प्रदर्शन किया है. इस दौरान किसानों ने बताया कि दुर्दशा और हताशा से खेत बेचना व आत्महत्या करना आम बात हो गई है. इसके कारण किसानों को शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है और किसान मजबूर बनते चले जा रहे हैं.

किसानों ने किया प्रदर्शन.


किसानों ने किया प्रदर्शन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मथुरा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने बताया कि हताशा में खेत बेचना और आत्महत्या करना आम बात हो गई है. इन्ही सब कारणों से हमलोगों को शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है.

रोजगार के अभाव में शहर को कर रहे पलायन

किसानों के सामने रोजगार और सामाजिक सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो गया है. किसान मजदूरों के बेटों के लिए दूर-दूर तक रोजगार दिखाई नहीं पड़ रहा है. दिन-प्रतिदिन उद्योग बंद हो रहे हैं और खेती घाटे का धंधा बन गई है. देश के करीब 200 किसान संगठनों ने 'खेती बचाओ किसान बचाओ व गांव बचाओ' देश बचाओ नारे के तहत मजबूरी में पहली बार किसान हड़ताल का फैसला किया है. किसानों दूध देना, सब्जी देना किसी भी सेवा को देना बंद कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:-मथुरा: 'भारतीय किसान यूनियन' ने आंदोलन की बनाई रणनीति

Intro:बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मथुरा के नेतृत्व में भारी संख्या में किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर धरना प्रदर्शन किया .इस दौरान किसानों ने बताया कि किसानों की दुर्दशा वा हताशा से खेत बेचना व आत्महत्या करना आम बात हो गई है .जिसके कारण शहरों की तरफ पलायन करना पड़ रहा है ,और किसान लोग मजबूर बनते चले जा रहे हैं. उनके सामने भी रोजगार व सामाजिक सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो गया है.


Body:अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मथुरा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे .इस दौरान किसानों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वट वृक्ष के नीचे बैठकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते धरना प्रदर्शन किया ,और बताया कि किसानों की दुर्दशा वा हताशा में खेत बेचना व आत्महत्या करना आम बात हो गई है .जिसके कारण शहरों की तरफ पलायन बढ़ रहा है ,और किसान लोग मजबूर बनते चले जा रहे हैं. उनके सामने भी रोजगार व सामाजिक सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो गया है .किसान मजदूरों के बेटों के लिए दूर-दूर तक रोजगार दिखाई नहीं पड़ रहा है. अपितु रोजगार दिन रोज घट रहे हैं .उद्योग बंद हो रहे हैं .खेती घाटे का धंधा बन गई है ,तथा देश के करीब 200 किसान संगठनों ने खेती बचाओ किसान बचाओ व गांव बचाओ, देश बचाओ नारे के तहत मजबूरी में पहली बार किसान हड़ताल का फैसला किया है. इसलिए हमारे द्वारा विरोध प्रदर्शन कर सरकार को चेताया जा रहा है. और किसानों द्वारा दूध देना सब्जी देना किसी भी सेवा को देना बंद किया जा रहा है इसी तरह से हड़ताल कर हम अपना विरोध प्रदर्शन सरकार तक पहुंचाएंगे.


Conclusion:अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मथुरा के नेतृत्व में सैकड़ों किसान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास के नजदीक वटवृक्ष के नीचे एकत्रित हुए, और सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने बताया कि किसानों द्वारा गांव-गांव हड़ताल की जाएगी, ना ही कोई किसान किसी को सब्जी देगा ,ना ही दूध देगा, ना ही कोई भी सेवा प्रदान करेगा. इसी तरह से अपनी मांगों को लेकर विरोध दर्ज कराएगा और सरकार को चेतावनी की कोशिश करेगा.
बाइट- छीतर सिंह एडवोकेट संयोजक
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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