मथुरा: जिले के गलतेश्वर मंदिर के पास रहने वाले 80 वर्षीय फक्कड़ बाबा को लोग 'रामायणी' नाम से बुलाते थे. पिछले 28 जुलाई को लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया. फक्कड़ बाबा ने जनपद में 17 बार चुनाव लड़ा. फक्कड़ बाबा मूल रूप से कानपुर के बिठूर के रहने वाले थे.
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स्थानीय निवासी नंद कुमार शर्मा ने बताया फक्कड़ बाबा बचपन से ही रामायण का पाठ करते आ रहे थे. हजारों लोगों के घर पर फक्कड़ बाबा ने निशुल्क रामायण का पाठ किया. उसके बाद लोग उन्हें रामायणी बाबा के नाम से जानने लगे थे. 1977 में फक्कड़ बाबा ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ाया. फक्कड़ बाबा 17 बार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ चुके थे.
अपनी लगन कभी नहीं छोड़ी
उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव लोकसभा सीट से 1977 में लड़ा था, जब देश में इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल था. फक्कड़ बाबा रामायणी ने अंतिम चुनाव 2019 में हेमामालिनी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा. हालांकि उन्हें अपने 17 में से किसी भी चुनाव में कभी जीत हासिल नहीं हुई. यहां तक कि हर चुनाव में उनकी जमानत राशि जब्त हो जाती, लेकिन उन्होंने अपनी लगन कभी नहीं छोड़ी.