मथुरा: जनपद की थाना सदर बाजार पुलिस ने फर्जी दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी दारोगा सदर बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिविल लाइन के रहने वाले एक व्यक्ति को उसकी पत्नी के केस का भय दिखाकर ठग रहा था. आरोपी फर्जी दारोगा अब तक पीड़ित से लाखों रुपये ठग चुका था. जब पीड़ित को पूरा मामला समझ में आया तो उसने पुलिस को पूरे घटना क्रम की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने जांच की तो मामला सही पाया गया. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी. जिसे गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है.
जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि पिछले महीने हेमंत कुमार भारद्वाज नाम के एक अधिवक्ता द्वारा जनसुनवाई में प्रार्थना पत्र पुलिस ऑफिस में दिया गया था .उन्होंने बताया कि उनके भाई जो राहुल है राहुल का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा है और राहुल की पत्नी गाजियाबाद में रहती है. उसी विवाद के संबंध में एक व्यक्ति का फोन राहुल के पास आया और उसने बताया कि वह सब इंस्पेक्टर योगेंद्र कुमार है और योगेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने बताया कि राहुल के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र आया है जो उसकी पत्नी ने दिया है. जिसके चलते उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा और उस मुकदमे के चलते राहुल को जेल भी जाना पड़ेगा.
आरोपी ने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसका असली नाम जावेद अली है और वह गाजियाबाद का रहने वाला है .शाहरुख नाम का एक व्यक्ति उसे प्लॉट दिलाने के नाम से 4 लाख रुपए लेकर फरार हो गया था. जावेद जब उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखवाने के लिए 17 अगस्त 2021 को अपने वकील के पास कचहरी गाजियाबाद गया तो वहीं पास में श्वेता नाम की एक महिला अपने ससुराली जन के विरुद्ध मुकदमा लिखवाने हेतु प्रार्थना पत्र टाइप करा रही थी.
जिसको देखकर जावेद अली के मन में ठगी का सारा प्लान उतर आया. जावेद ने चुपके से श्वेता द्वारा टाइप कराए गए प्रार्थना पत्र का फोटो अपने मोबाइल में खींच लिया, जिसमें श्वेता के पति राहुल का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था. 18 अगस्त 2021 को जावेद ने राहुल को फोन कर अपने आपको उप निरीक्षक योगेंद्र कुमार थाना सिहानी गेट गाजियाबाद बताया. जावेद ने बताया कि राहुल की पत्नी ने उसके और उसके परिजनों के खिलाफ मुकदमा लिखवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है, जिसके बाद राहुल ने बाद में बात करने के लिए कहकर फोन काट दिया.
कुछ देर बाद उसके भाई हेमंत भारद्वाज का फोन आया और उसने मामला सेटलमेंट करने के लिए कहा. मामला सेटलमेंट कराने के लिए आरोपी जावेद अली ने पीड़ित परिवार से 4 लाख रुपए की मांग की. 19 अगस्त को हेमंत भारद्वाज ने एक लाख रुपए जावेद के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. 27 अगस्त को जावेद वर्दी पहनकर गाजियाबाद का दारोगा बन कर पीड़ित राहुल और उसके भाई से मिलने के लिए सिविल लाइन पेट्रोल पंप के पास पहुंचा. जहां पीड़ित और उसके भाई ने कहा कि किसी तरह से राहुल की पत्नी श्वेता से तलाक करा दीजिए. जिस पर जावेद ने पीड़ित और उसके भाई से 10 लाख रुपए की मांग की, जिसे पीड़ित और उसके भाई ने स्वीकार लिया. इस तरह से आरोपी लगभग 6 लाख रुपए पीड़ित और उसके भाई से ठगने में कामयाब रहा.
कुछ दिनों बाद आरोपी ने फोन बंद कर लिया, जब पूरा मामला पीड़ित और उसके भाई को समझ में आया तो उसके बाद उनके द्वारा पुलिस को जानकारी दी और मुकदमा पंजीकृत कराया. जिसके बाद आरोपी को पुलिस द्वारा जांच कर गिरफ्तार कर लिया गया.
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