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आंखों की रोशनी खो चुकी हथिनी को लाया गया मथुरा, जानिए वजह

हाथरस जिले से आखों की रोशनी खो चुकी हथिनी को इलाज के लिए मथुरा के हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया. इसकी उम्र करीब 60 वर्ष है. कुशल डॉक्टरों की टीम इस वृद्ध हथिनी के इलाज के लिए लगी हुई है.

मथुरा हाथी संरक्षण केंद्र.
मथुरा हाथी संरक्षण केंद्र.
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Published : Dec 19, 2021, 2:32 PM IST

मथुरा: हाथरस जिले से आखों की रोशनी खो चुकी हथिनी को इलाज के लिए मथुरा के हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया. इसकी उम्र करीब 60 वर्ष है. कुशल डॉक्टरों की टीम इस वृद्ध हथिनी के इलाज के लिए लगी हुई है. वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारी द्वारा इसको अस्पताल में भर्ती कराया गया.

हाथरस में हथनी का मालिक उसको जंजीरों से जकड़कर सड़कों पर घुमाकर भीख मंगवाने का काम करता था. बीमार हथिनी को जंगलों में छोड़कर चला गया. उत्तर प्रदेश वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन करने के बाद इलाज के लिए मथुरा एलीफेंट हॉस्पिटल लेकर आए. हथिनी के शरीर पर घाव हैं. फुट पैड काफी हद तक खराब हो चुके हैं. यह हथिनी चलने में भी दर्द महसूस कर रही है.

मथुरा
मथुरा

जनपद के फरह क्षेत्र के चूरमुरा गांव में वाइल्ड लाइफ एसओएस एलीफेंट हॉस्पिटल में दस से ज्यादा बीमार हाथी और हथिनियों का इलाज डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है. देश के अलग-अलग प्रांतों से बीमार हाथियों को यहां लाया जाता है. यह देश का एकमात्र एलीफेंट हॉस्पिटल है.

मथुरा
मथुरा

यह भी पढ़ें: यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, कंटेनर के उड़े परखच्चे

वाइल्ड लाइफ एसओएस के डायरेक्टर बैजू राज ने बताया कि एक वृद्ध हथिनी जिसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई है, चलने में भी काफी दर्द महसूस कर रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन हाथरस से करने के बाद आज एलीफेंट हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया है. डॉक्टरों की टीम द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है. वर्तमान में इस हॉस्पिटल में 12 वृद्ध हाथी और हथिनी हैं.

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मथुरा: हाथरस जिले से आखों की रोशनी खो चुकी हथिनी को इलाज के लिए मथुरा के हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया. इसकी उम्र करीब 60 वर्ष है. कुशल डॉक्टरों की टीम इस वृद्ध हथिनी के इलाज के लिए लगी हुई है. वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारी द्वारा इसको अस्पताल में भर्ती कराया गया.

हाथरस में हथनी का मालिक उसको जंजीरों से जकड़कर सड़कों पर घुमाकर भीख मंगवाने का काम करता था. बीमार हथिनी को जंगलों में छोड़कर चला गया. उत्तर प्रदेश वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन करने के बाद इलाज के लिए मथुरा एलीफेंट हॉस्पिटल लेकर आए. हथिनी के शरीर पर घाव हैं. फुट पैड काफी हद तक खराब हो चुके हैं. यह हथिनी चलने में भी दर्द महसूस कर रही है.

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जनपद के फरह क्षेत्र के चूरमुरा गांव में वाइल्ड लाइफ एसओएस एलीफेंट हॉस्पिटल में दस से ज्यादा बीमार हाथी और हथिनियों का इलाज डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है. देश के अलग-अलग प्रांतों से बीमार हाथियों को यहां लाया जाता है. यह देश का एकमात्र एलीफेंट हॉस्पिटल है.

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वाइल्ड लाइफ एसओएस के डायरेक्टर बैजू राज ने बताया कि एक वृद्ध हथिनी जिसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई है, चलने में भी काफी दर्द महसूस कर रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन हाथरस से करने के बाद आज एलीफेंट हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया है. डॉक्टरों की टीम द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है. वर्तमान में इस हॉस्पिटल में 12 वृद्ध हाथी और हथिनी हैं.

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