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वाह रे मथुरा का शिशु सदन! बच्चे सच न बता दें, इसलिए नशीला पदार्थ खिलाकर सुला दिया - शिशु सदन मथुरा का निरीक्षण

उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की 4 सदस्यीय टीम ने राजकीय बाल शिशु सदन मथुरा का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को भारी अनियमितताएं देखने को मिली. टीम ने पाया कि बच्चों को कोई नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था. वहीं टीम ने इस पूरे मामले की जांच करने की बात कही है.

मथुरा के शिशु सदन में लापरवाही ही लापरवाही.
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Published : Sep 3, 2019, 10:24 AM IST

मथुरा: राजकीय बाल शिशु सदन में 2 बच्चों की मौत के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की 4 सदस्यीय टीम ने बाल शिशु गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बच्चे कई घंटों से सो रहे थे.

जब टीम को शक हुआ तो टीम ने जाकर बच्चों को जगाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चे नहीं उठ रहे थे. जब पड़ताल की गई तो पता चला कि बच्चों को कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था, जिससे कि बच्चे किसी प्रकार की कोई शिकायत न कर दें.

मथुरा के शिशु सदन में लापरवाही ही लापरवाही, देखें वीडियो.

सदस्य, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग अनीता साहू ने बताया कि बच्चों को संभवत कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है. यह जांच का विषय है. इस मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही बताना संभव होगा कि बच्चों को किस प्रकार का नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है.

कीड़े पड़ गए मगर बच्चों को नहीं मिला खाने-पीने का सामान
राजकीय बाल शिशु सदन का निरीक्षण के दौरान भारी लापरवाही देखने को मिली. बच्चों की दवाइयां पाउडर, अंडर गारमेंट, जूते कपड़े व अन्य उपयोगी वस्तु भारी मात्रा में स्टॉक में रखी होने के बावजूद कर्मचारियों ने आज तक बच्चों के लिए प्रयोग नहीं किया है. जब आयोग के अध्यक्ष और उनकी टीम ने शिशु सदन के खाने-पीने के सामान के स्टोर का निरीक्षण किया तो वहां खाने-पीने के सामान में चींटी कीड़े पड़े पाए गए. इनमें अधिकतर सामान लंबे समय से रखे होने के कारण खराब स्थिति में पाया गया.

इसे भी पढ़ें: मथुरा: थाने के सामने आत्मदाह के मामले में पति की मौत, पत्नी की हालत गंभीर

मेन्यू के अनुसार सभी बच्चों के लिए रोजाना 400 ग्राम देसी घी मैं खाना बनाया जाना दर्शाया गया था, लेकिन टीम ने पाया कि बच्चों को सही प्रकार से खाना नहीं दिया जाता. मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा था, जबकि कई बच्चे इतने छोटे हैं कि वह सिर्फ दूध और डबल रोटी पर निर्भर है.

टीम ने पाया कि बच्चों को ब्रश नहीं कराया जाता है और न ही उन्हें खाने पीने की सही वस्तुएं दी जाती है. दो-चार बोतलों से ही सारे बच्चों को दूध पिला दिया जाता है. मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं दिया जाता.
-जया, सदस्य, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग

मथुरा: राजकीय बाल शिशु सदन में 2 बच्चों की मौत के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की 4 सदस्यीय टीम ने बाल शिशु गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बच्चे कई घंटों से सो रहे थे.

जब टीम को शक हुआ तो टीम ने जाकर बच्चों को जगाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चे नहीं उठ रहे थे. जब पड़ताल की गई तो पता चला कि बच्चों को कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था, जिससे कि बच्चे किसी प्रकार की कोई शिकायत न कर दें.

मथुरा के शिशु सदन में लापरवाही ही लापरवाही, देखें वीडियो.

सदस्य, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग अनीता साहू ने बताया कि बच्चों को संभवत कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है. यह जांच का विषय है. इस मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही बताना संभव होगा कि बच्चों को किस प्रकार का नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है.

कीड़े पड़ गए मगर बच्चों को नहीं मिला खाने-पीने का सामान
राजकीय बाल शिशु सदन का निरीक्षण के दौरान भारी लापरवाही देखने को मिली. बच्चों की दवाइयां पाउडर, अंडर गारमेंट, जूते कपड़े व अन्य उपयोगी वस्तु भारी मात्रा में स्टॉक में रखी होने के बावजूद कर्मचारियों ने आज तक बच्चों के लिए प्रयोग नहीं किया है. जब आयोग के अध्यक्ष और उनकी टीम ने शिशु सदन के खाने-पीने के सामान के स्टोर का निरीक्षण किया तो वहां खाने-पीने के सामान में चींटी कीड़े पड़े पाए गए. इनमें अधिकतर सामान लंबे समय से रखे होने के कारण खराब स्थिति में पाया गया.

इसे भी पढ़ें: मथुरा: थाने के सामने आत्मदाह के मामले में पति की मौत, पत्नी की हालत गंभीर

मेन्यू के अनुसार सभी बच्चों के लिए रोजाना 400 ग्राम देसी घी मैं खाना बनाया जाना दर्शाया गया था, लेकिन टीम ने पाया कि बच्चों को सही प्रकार से खाना नहीं दिया जाता. मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा था, जबकि कई बच्चे इतने छोटे हैं कि वह सिर्फ दूध और डबल रोटी पर निर्भर है.

टीम ने पाया कि बच्चों को ब्रश नहीं कराया जाता है और न ही उन्हें खाने पीने की सही वस्तुएं दी जाती है. दो-चार बोतलों से ही सारे बच्चों को दूध पिला दिया जाता है. मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं दिया जाता.
-जया, सदस्य, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Intro:शिशु सदन मथुरा में 2 बच्चों की मौत के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं .उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की 4 सदस्य टीम ने बाल शिशु ग्रह का निरीक्षण किया, जिसमें पाया कि शिशु ग्रह में बच्चे घंटों से सो रहे थे, जिस पर शक होने पर सदस्यों की टीम ने बच्चों को जगाने का प्रयास किया, तो टीम को शक हुआ कि बच्चों को कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था, जिससे कि बच्चे उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग कि आई हुई टीम से किसी प्रकार की शिकायत ना कर दें.


Body:बाल शिशु गृह मथुरा में लापरवाही के चलते दो बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे बीमार हो गए, जिनका उपचार चल रहा है. वही उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की 4 सदस्य टीम ने बाल शिशु ग्रह का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बच्चे कई घंटों से सो रहे थे .जब टीम को शक हुआ तो टीम ने जाकर बच्चों को जगाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चे नहीं उठ रहे थे, जिस पर टीम द्वारा पड़ताल की गई तो टीम को लगा कि बच्चों को कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था. जिससे कि आयोग की टीम के सामने बच्चे किसी प्रकार की कोई शिकायत न कर दे. वही उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर नीता साहू ने बताया कि बच्चों को देखा गया है कि, उन्हें संभवत कुछ नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है .यह जांच का विषय है. इस मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही बताना संभव होगा कि बच्चों को किस प्रकार का नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया है.


Conclusion:उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की 4 सदस्य टीम ने शिशु सदन मथुरा का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बच्चे काफी देर से सो रहे थे .जब बच्चों को जगाने का प्रयास किया तो टीम को शक हुआ कि बच्चों को कोई नशीला पदार्थ देकर सुला दिया गया था .वही टीम ने मामले की जांच करने की बात की है.
बाइट- उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता साहू
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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