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मथुरा: शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

यूपी के मथुरा में शुक्रवार को शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर मंदिर में प्रवेश किया और बांके बिहारी के दर्शन किए.

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Published : Oct 30, 2020, 9:37 PM IST

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मंदिर.

मथुरा: शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी साल में एक बार श्वेत वस्त्र धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. इस दिन का इंतजार श्रद्धालुओं को लंबे अरसे से रहता है. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर मंदिर में प्रवेश किया और बांके बिहारी के दर्शन किए.

बांके बिहारी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़.

मंदिर प्रशासन द्वारा शरद पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन होंगे.

शरद पूर्णिमा को शरद ऋतु भी कहा जाता है
शरद ऋतु से सर्दी की शुरुआत हो जाती है. बांके बिहारी मंदिर में शरद ऋतु की चांदनी रात में ठाकुर जी को खीर का भोग लगाया जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन ही ठाकुर जी श्वेत वस्त्र धारण कर मोर मुकुट पहने कमर में बांसुरी लगाए श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं.

गुंजन गोस्वामी मंदिर सेवायत ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन ठाकुर जी साल भर में आज ही के दिन में विशेष दर्शन होते हैं. बांके बिहारी श्वेत वस्त्र पहने मोर मुकुट धारण किए कमर में बंसी लगाए श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. मंदिर परिसर में व्यवस्थाएं की गई हैं. जिन श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हीं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

महिला श्रद्धालु ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन बिहारी जी के बहुत अच्छे दर्शन हुए. हर महीने दर्शन करने आते थे, लेकिन आज शरद पूर्णिमा पर आने का मौका मिला और बिहारी जी के दर्शन कर बहुत ही अच्छा लग रहा है.

मथुरा: शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी साल में एक बार श्वेत वस्त्र धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. इस दिन का इंतजार श्रद्धालुओं को लंबे अरसे से रहता है. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर मंदिर में प्रवेश किया और बांके बिहारी के दर्शन किए.

बांके बिहारी मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़.

मंदिर प्रशासन द्वारा शरद पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम को 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन होंगे.

शरद पूर्णिमा को शरद ऋतु भी कहा जाता है
शरद ऋतु से सर्दी की शुरुआत हो जाती है. बांके बिहारी मंदिर में शरद ऋतु की चांदनी रात में ठाकुर जी को खीर का भोग लगाया जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन ही ठाकुर जी श्वेत वस्त्र धारण कर मोर मुकुट पहने कमर में बांसुरी लगाए श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं.

गुंजन गोस्वामी मंदिर सेवायत ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन ठाकुर जी साल भर में आज ही के दिन में विशेष दर्शन होते हैं. बांके बिहारी श्वेत वस्त्र पहने मोर मुकुट धारण किए कमर में बंसी लगाए श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. मंदिर परिसर में व्यवस्थाएं की गई हैं. जिन श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हीं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

महिला श्रद्धालु ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन बिहारी जी के बहुत अच्छे दर्शन हुए. हर महीने दर्शन करने आते थे, लेकिन आज शरद पूर्णिमा पर आने का मौका मिला और बिहारी जी के दर्शन कर बहुत ही अच्छा लग रहा है.

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