मथुराः उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी शुरू हो रही है. दिन का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस हो जाता है, तो रात में 10 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है. सर्दी से बचाव के लिए ऊनी वस्त्र के साथ अलाव का सहारा लेना पड़ता है. अपने आराध्य भगवान को सर्दी से बचाने के लिए बाजार में अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र बिक रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को खूब पसंद आ रहे हैं.
जनवरी की शुरुआत में पड़ती है कड़ाके की सर्दी
जनवरी की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही ठंड भी बढ़ गई है. सर्दी से बचाव के लिए श्रद्धालुओं को ठाकुर जी के ऊनी वस्त्र रजाई, गद्दे बाजार में खूब पसंद आ रहे हैं. श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान के लिए ऊनी वस्त्र बाजारों में खरीद रहे हैं. ठाकुर जी को सर्दी न लगे इसके लिए ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं.
बाजार में रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन बांके बिहारी जी, राधा रमण, प्रेम मंदिर और मां वैष्णो देवी मंदिरों के पास ठाकुर जी के लिए रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र की दुकानें लगी हुई हैं. हर साल के तरह इस बार भी दुकानों पर अनेक प्रकार की वैरायटी वस्त्रों में नजर आ रही हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु स्थानीय वासी भी ठाकुर जी के लिए गर्म वस्त्र सर्दियों में बनाते हैं.
ठाकुर जी का सर्दी से बचाव
जनपद के प्रमुख मंदिरों के साथ-साथ भक्तगण भी अपने ठाकुर जी को सर्दी से बचाव करने के लिए गर्म वस्त्र पहनाते हैं. साथ ही भोग का भी विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि सर्दी के मौसम में मनपसंद व्यंजन के साथ शाकाहारी गाजर, लौकी के हलवे के साथ मूंग की दाल का हलवा भी तैयार करके भोग लगाया जाता है. कुछ मंदिरों में तो चांदी की अंगीठी मे अलाव सुलगाई जाती है, ताकि भगवान को ठंड न लगे.
दुकानदार सुरेंद्र सक्सेना ने बताया सर्दी का मौसम शुरू होते ही दुकानों पर ठाकुर जी के लिए गर्म वस्त्रों की सेल शुरू हो जाती है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान के लिए गर्म वस्त्र खरीदते हैं, लेकिन इस बार भी सेल बहुत ही कम है. वहीं, श्रद्धालु संजीव ने बताया जिस प्रकार मनुष्य को सर्दी लगती है, उसी तरह ठाकुर जी के लिए भी सर्दी से बचाने के लिए हम लोग दुकानों से गर्म वस्त्र खरीदते हैं ठाकुर जी को रजाई, गद्दे, पहनाए जाएंगे , ताकि ठाकुर जी को भी सर्दी न लगे. दुकानों पर रंग बिरंगी ऊनी वस्त्र पसंद आ रही हैं.