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मथुरा: शहीद स्मारक की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों पर लेटकर प्रदर्शन - शहीद स्थल की मांग

उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक युवक ने शहीद के समाधि स्थल की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों पर लेटकर अनोखा प्रदर्शन किया. युवक शहीद स्मारक की मांग को लेकर आमरण अनशन पर है.

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बर्फ की सिल्लीयों के पर लेट कर किया प्रदर्शन
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Published : Jan 11, 2020, 9:25 AM IST

मथुरा: छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चौमुहां निवासी सत्यनारायण सिसोदिया ने शहीद के समाधि स्थल की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों के ऊपर लेटकर अनोखा प्रदर्शन किया. शहीद स्मारक की मांग पर सत्यनारायण का कहना है कि 28 मार्च 2018 को जवान कालीचरण शहीद हो गए थे, जिनका पार्थिव शरीर गांव में लाया गया था.

बर्फ की सिल्लीयों के पर लेट कर किया प्रदर्शन

सत्यनारायण का कहना है कि कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अभी तक उनका स्मारक नहीं बना और जहां स्मारक बनना चाहिए था वहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है.

बर्फ की सिल्लियों पर लेटकर प्रदर्शन

  • चौमुहां गांव निवासी सत्यनारायण सिसोदिया शहीद स्मारक की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों पर लेट गये.
  • युवक का कहना था कि गांव के ही रहने वाले जवान कालीचरण 28 मार्च 2018 को शहीद हो गए थे.
  • जवान का पार्थिव शरीर 31 मार्च 2018 को पुश्तैनी गांव में लाया गया था.
  • पंचतत्व में विलीन होने से पूर्व कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ.
  • वर्तमान समय में जवान का समाधि स्थल कूड़े के ढेर से ढक गया है.
  • किसी नेता इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसकी मांग को लेकर में आमरण अनशन पर हूं.

जब तक शहीद काली चरण के समाधि स्थल की मांग पूरी नहीं हो जाती. वह इसी तरह से विरोध करता रहेगा. गांव भर का कचरा शहीद की समाधि पर इकट्ठा हो जाता है, न तो कोई नेता ध्यान दे रहा है और न ही कोई अन्य इस ओर ध्यान दे रहा है. विवश होकर मुझे आंदोलन करना पड़ रहा है.
-सत्यनारायण सिसोदिया, निवासी

मथुरा: छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चौमुहां निवासी सत्यनारायण सिसोदिया ने शहीद के समाधि स्थल की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों के ऊपर लेटकर अनोखा प्रदर्शन किया. शहीद स्मारक की मांग पर सत्यनारायण का कहना है कि 28 मार्च 2018 को जवान कालीचरण शहीद हो गए थे, जिनका पार्थिव शरीर गांव में लाया गया था.

बर्फ की सिल्लीयों के पर लेट कर किया प्रदर्शन

सत्यनारायण का कहना है कि कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अभी तक उनका स्मारक नहीं बना और जहां स्मारक बनना चाहिए था वहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है.

बर्फ की सिल्लियों पर लेटकर प्रदर्शन

  • चौमुहां गांव निवासी सत्यनारायण सिसोदिया शहीद स्मारक की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लियों पर लेट गये.
  • युवक का कहना था कि गांव के ही रहने वाले जवान कालीचरण 28 मार्च 2018 को शहीद हो गए थे.
  • जवान का पार्थिव शरीर 31 मार्च 2018 को पुश्तैनी गांव में लाया गया था.
  • पंचतत्व में विलीन होने से पूर्व कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ.
  • वर्तमान समय में जवान का समाधि स्थल कूड़े के ढेर से ढक गया है.
  • किसी नेता इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसकी मांग को लेकर में आमरण अनशन पर हूं.

जब तक शहीद काली चरण के समाधि स्थल की मांग पूरी नहीं हो जाती. वह इसी तरह से विरोध करता रहेगा. गांव भर का कचरा शहीद की समाधि पर इकट्ठा हो जाता है, न तो कोई नेता ध्यान दे रहा है और न ही कोई अन्य इस ओर ध्यान दे रहा है. विवश होकर मुझे आंदोलन करना पड़ रहा है.
-सत्यनारायण सिसोदिया, निवासी

Intro:छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चौमुहां मैं गांव का ही रहने वाला सत्यनारायण सिसोदिया पुत्र रामजीलाल मास्टर ने शहीद के समाधि स्थल की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लीयों ऊपर लेट कर अनोखा प्रदर्शन किया. शहीद स्मारक की मांग की सत्यनारायण का कहना है कि 28 मार्च 2018 को जवान कालीचरण शहीद हो गए थे .जिन का पार्थिव शरीर गांव में लाया गया था. कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे .लेकिन आज तक उनका स्मारक नहीं बना और जहां स्मारक बनना चाहिए था वहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है.


Body:छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चौमुहां मैं गांव का ही रहने वाला सत्यनारायण सिसोदिया पुत्र रामजीलाल शहीद स्मारक की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लीयों पर लेट कर अनोखा प्रदर्शन करने लगा .उसका कहना था कि गांव के ही रहने वाले जवान कालीचरण 28 मार्च 2018 को शहीद हो गए थे .जिन का पार्थिव शरीर 31 मार्च 2018 को पुश्तैनी गांव मैं लाया गया था. उनके पंचतत्व मैं विलीन होने से पूर्व कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे .लेकिन आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ. आज यह स्थिति है की जवान का समाधि स्थल कूड़े के ढेर से ढक गया है. ना ही किसी नेता ने ध्यान दिया ना ही किसी और ने. जिसकी मांग को लेकर मैं आमरण अनशन पर हूं .जब तक मेरी मांग पूरी नहीं हो जाती जब तक मैं इसी तरह से विरोध करता रहूंगा .वही सत्यनारायण ने बताया कि एक तरफ तो बड़े-बड़े नेता नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं. पीड़ितों को मुआवजा दे रहे हैं .वहीं दूसरी ओर इस तरफ कोई भी नेता ध्यान नहीं दे रहा है. इस बीच पुलिस ने सत्यनारायण को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन सत्यनारायण नहीं माना.


Conclusion:छाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव चौमुहां मैं गांव का ही रहने वाला सत्यनारायण सिसोदिया शहीद कालीचरण के समाधि स्थल की मांग को लेकर बर्फ की सिल्लीयों पर लेट कर विरोध प्रदर्शन करने लगा .उसका कहना था कि जब तक शहीद काली चरण के समाधि स्थल की मांग पूरी नहीं हो जाती .वह इसी तरह से विरोध करता रहेगा. गांव भर का कचरा शहीद की समाधि पर इकट्ठा हो जाता है, ना तो कोई नेता ध्यान दे रहा है और ना ही कोई अन्य इस ओर ध्यान दे रहा है .जिसके चलते विवश होकर मुझे आंदोलन करना पड़ रहा है.
बाइट- सत्यनारायण सिसोदिया
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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