मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में 29 मार्च को सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने विवादित स्थान के सर्वे कराने के आदेश दिए थे. सर्वे कराने के लिए सरकारी अमीन शिशुपाल मौके पर जाकर आख्या रिपोर्ट 17 अप्रैल तक न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. मंगलवार को सरकारी अमीन ने अपनी सुरक्षा के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. न्यायालय ने आदेश करते हुए गोविंद नगर थाना पुलिस को सूचित किया है.
सरकारी अमीन ने सुरक्षा की लगाई गुहार न्यायालय ने किया आदेश
सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में सरकारी अमीन शिशुपाल सिंह यादव ने अपनी सुरक्षा के लिए मंगलवार को प्रार्थना पत्र दाखिल किया. देर शाम को ही कोर्ट ने आदेश करते हुए गोविंद नगर थाना पुलिस को सूचित किया है कि सरकारी अमीन को सुरक्षा मुहैया कराई जाए, ताकि विवादित स्थान पर जाकर सरकारी अमीन मौका मुआयना की आख्या रिपोर्ट तैयार कर सके.
कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में सर्वे का दिया आदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी करते हुए सरकारी अमीन को रिट जारी की है. 17 अप्रैल तक सर्वे की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं. कल बुधवार को सरकारी अमीन निश्चित तारीख पर विवादित स्थान जाने के लिए प्रतिवादी अधिवक्ताओं को नोटिस देगा और उन्हीं की मौजूदगी में विवादित स्थान की सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका वाद संख्या 683/22 पर 29 मार्च को सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट ने विवादित स्थान का सर्वे कराने के आदेश जारी किए हैं. सोमवार को कोर्ट ने सरकारी अमीन शिशु पाल यादव को रिट जारी करते हुए कहा है कि 17 अप्रैल तक न्यायालय में विवादित स्थान की आख्या, भौगोलिक स्थिति और मौका मुआयना की एक रिपोर्ट पेश की जाए. आख्या बनाते समय प्रतिवादी के अधिवक्ता भी उस स्थान पर मौजूद रहेंगे.
बता दें कि हिंदू सेना संगठन अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिछले वर्ष न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी कि विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन द्वारा कराना चाहिए. साथ ही रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए. वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में अहम तथ्य को रखा था, तभी 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने के आदेश किए थे. प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने अभी कोर्ट में कोई आपत्ति दाखिल नहीं की थी. उसी का फायदा उठाते हुए वादी अधिवक्ता ने 29 अप्रैल को एफटीसी कोर्ट में पिछले आदेश को पुनः कार्य में लिया और आदेश कर दिए गए.
अधिवक्ता के मुताबिक, विवादित ईदगाह श्रीकृष्ण जन्म स्थान का भाग है. मौके के मुताबिक ईदगाह वाली जो संपत्ति है कुल संपत्ति का खेवट नंबर 255 खसरा संख्या 825 जिसमें ईदगाह शामिल है, उसका रकबा 13.37 एकड़ राजस्व अभिलेख श्रीकृष्ण जन्म स्थान संपत्ति मलकियत के रूप में दर्ज है. नगर निगम के रिकॉर्ड मैं संपत्ति श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की अंकित चली आ रही है. ईदगाह के पास मलकियत से सम्बंधित कोई दस्तावेज नहीं है. न ही कोर्ट में कोई दस्तावेज जमा कराए हैं.
किस बात को लेकर है विवाद
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.