मथुरा: दक्षिणात्य शैली के विशालतम श्रीरंग मन्दिर में नित्योत्सव की श्रंखला निरंन्तर जारी है. वामन द्वादशी पर्व पर त्रिदिवसीय नोका विहार लीला का मनोहारी आयोजन किया गया. हालांकि कोरोना महामारी के दृष्टिगत विगत करीब पांच माह से मन्दिर के मुख्य द्वार आम दर्शनार्थियों के लिये बन्द है, लेकिन मन्दिर परिसर में ठाकुर गोदारंगमन्नार भगवान के उत्सव अनवरत चल रहा है.
गाजे-बाजे के साथ जलाशय में नौका पर विराजते हैं भगवान
वामन द्वादशी पर्व के मौके पर नोका विहार लीला के अंतर्गत गर्भगृह में विराजित ठाकुर गोदारनगमन्नार के चल विग्रह स्वर्ण पालकी में सवार कर गाजे-बाजे के साथ पुष्करिणी (जलाशय) में लाये गये. यहां विविध प्रकार के पुष्पों से सुसज्जित नौका में ठाकुरजी जी को विराजमान कर वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजन किया गया. एक ओर वैदिक ऋचाओं का सस्वर पाठ हो रहा था, वहीं दूसरी ओर शास्त्रीय सुर साधक भजनों से आराध्य को रिझा रहे थे. रंगबिरंगी विद्युत झालरों से सजी नौका पुष्करिणी में तैरते हुए अद्भुत छटा बिखेर रही थी.
तीन दिन का उत्सव
धर्म की नगरी वृंदावन में दक्षिणात्य शैली के विशालतम श्रीरंग मन्दिर में भगवान ठाकुर गोदारंगमन्नार नौका विहार कर भक्तजनों को दर्शन दिए. मंदिर के मुख्य पुजारी राजू स्वामी ने बताया कि जितने भी मंदिरों में आराध्य भगवान विराजते हैं. यह भी उत्सवों में गिना जाता है. मंदिर में हवन-पूजन के बाद भगवान स्वस्तिवाचक हो कर पधारते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं. सभी के ऊपर कृपा करने के लिए भगवान यहां नौका विहार के लिए पधारते हैं. यह उत्सव तीन दिन का होता है, कहीं-कहीं 7 दिन और 9 दिन का भी उत्सव होता है. कोरोनावायरस संक्रमण के चलते मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी है.