मथुराः कोसीकला थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोकिलावन मंदिर के नजदीक परिक्रमा मार्ग पर 29 जनवरी को कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के प्रस्तावक और पैगांव के प्रधान रामवीर सिंह की हत्या मामले का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया है. पुलिस ने साजिशकर्ता सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक प्रधान पद के दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी ने सरकार द्वारा दी गई 21 करोड़ की धनराशि और प्रधान पद की लालसा में शूटर हायर कर रामवीर सिंह की हत्या कराई थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस और ग्रामीणों से जो जानकारियां प्राप्त हुई उससे साजिशकर्ताओं के भी नाम क्लियर होने लगे. घटना से पूर्व और घटना के बाद की गतिविधियों का आंकलन किया गया. इसके साथ ही जो शूटर जिनकी पहचान हुई थी उनसे मुखबिर के आधार पर प्राप्त जानकारियों और सर्विलांस के माध्यम से उन दोनों के बीच का कनेक्शन देखा गया. जो कि बिल्कुल सटीक जुड़ा और इस घटना का सफल अनावरण हुआ है. जिसमें की कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस गिरफ्तारी में दो अजय और दूसरा जो शूटर है जो कि मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार हुआ है, तीसरा शूटर अभी फरार है.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस वारदात का मुख्य साजिशकर्ता अमोल नाम का व्यक्ति है, जो कि पैगांव का ही रहने वाला है. विगत पंचायत चुनाव में वह प्रधान पद का प्रत्याशी था और दूसरे नंबर पर रहा था. उसके दो साथी दान सिंह और रोहतास भी गिरफ्तार हुए हैं. दोनों इस साजिश में शामिल थे, जिनको घटना की जानकारी थी. उन्होंने बताया कि वारदात को मुख्य रूप से गांव की विकास के लिए सरकार द्वारा दी गई 21 करोड़ की धनराशि के ऊपर कब्जा करने और गांव से संबंधित अन्य कारण से अमोल के मन में प्रधान के प्रति रंजिश पैदा हुई थी. इसी के चलते प्रधान को रास्ते से हटाने के लिए उसने प्लान बनाया और शूटर हायर कर रामवीर सिंह की हत्या कराई गई.