मथुरा: उच्चतम न्यायालय से जारी गाइडलाइंस के अनुपालन में जो कैदी उन धाराओं में बंद हैं, जिसमें अधिकतम सजा सात साल है. ऐसे कैदियों को चिन्हित कर कैदियों की एप्लीकेशन पर आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत पर 122 कैदियों को जिला कारागार प्रशासन द्वारा रिहा किया गया. ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जो सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने में जिला कारागार प्रशासन को समस्याएं उत्पन्न हो रही थी. उस सोशल डिस्टेंस को मेंटेन किया जा सके.
कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है. अब तक इस जानलेवा संक्रमण के कारण कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं ,तो वहीं कई लोग इसकी चपेट में आकर संक्रमित हो चुके हैं. सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वह इस संक्रमण को फैलने से रोकने में अपना सहयोग दें, और घरों पर रहे. आवश्यकताओं की वस्तुएं लेते वक्त भी सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर इस जानलेवा वायरस को फैलने से रोके.
जिला कारागार मथुरा में अधिक कैदी होने के कारण सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने में परेशानियां हो रही हैं .जिसके चलते वह कैदी जो उन धाराओं में बंद थे जिनकी अधिकतम सजा 7 साल है ,ऐसे 122 बंदियों को चिन्हित कर उनकी एप्लीकेशन पर 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत पर उन्हें रिहा किया गया है.
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जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जिला कारागार में अधिक कैदी होने के कारण सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने में कारागार में परेशानियां हो रही हैं. इसके चलते उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुपालन में मथुरा जिला कारागार प्रशासन द्वारा ,122 कैदियों को रिहा किया गया है.