मथुराः जनपद के ग्रामीण इलाकों में वायरल फीवर और डेंगू के प्रकोप के चलते बीमार लोगों की मौत का सिलसिला जारी है. मांट कस्बा में डेंगू बुखार से मृत छोटे भाई को 11 वर्ष की बहन ने मुखाग्नि दी. यह देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं. बताया जाता है कि पिछले कई दिनों से दस वर्षीय किशोर का जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा था. बुधवार को देर शाम किशोर की मौत हो गई.
कस्बा निवासी युवा अधिवक्ता हरेकृष्ण अग्रवाल के इकलौते 10 वर्षीय पुत्र देवराज गोयल उर्फ आयुष की बुधवार को डेंगू बुखार के चलते मौत हो गई. मथुरा के एक निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद भी परिजनों का मन नहीं माना, जीवन की आशा में आयुष को लेकर जयपुर के लिए चले गए. रास्ते में दौसा जिले में किसी अस्पताल में दिखाया तो वहां भी उसे मृत घोषित कर दिया. परिजन उसे मांट ले आए.
गुरुवार देर शाम उसका शव घर फिर लाया गया और शव यात्रा की तैयारी की जाने लगी. इसी दौरान बात यह उठी कि आयुष को मुखाग्नि कौन दे. पिता हरेकृष्ण अग्रवाल की इच्छा थी कि वह मुखाग्नि दें, लेकिन समाज के लोगों ने समझाया कि पिता पुत्र को मुखाग्नि नहीं देता. इसके बाद हरेकृष्ण ने इच्छा जताई कि बेटी हिमानी मुखाग्नि देगी. मांट राजा में यमुना किनारे जब आयुष की चिता को मुखाग्नि देने हिमानी आगे बढ़ी तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं.
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जनपद में पिछले 3 महीने से वायरल फीवर और डेंगू के प्रकोप के चलते मौतों का सिलसिला जारी है. जिले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग सरकारी आंकड़ों के तौर पर 20 लोगों की मौत बता रहा है, जबकि वायरल फीवर और डेंगू के चलते दो दर्जन से ज्यादा गांव में 500 से ज्यादा लोग बीमार पड़े हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू से मौतों और बीमार लोगों का आंकड़ा छुपाने में लगे हैं.
परिजन ने बताया 10 वर्षीय किशोर देवराज को वायरल फीवर और डेंगू हुआ था. इलाज कराने के लिए जयपुर ले जाया गया था. गुरुवार दोपहर बाद इलाज के दौरान देवराज की मौत हो गई, शव गांव में लाया गया और उसकी बड़ी बहन हिमानी ने भाई के शव का अंतिम संस्कार किया.