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मैनपुरी में चुनावी चौपाल, सुनिए क्या कह रही ग्राम पंचायत मंछना की जनता - मैनपुरी खबर

यूपी के मैनपुरी के ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत मंछना में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर एक चौपाल का आयोजन किया गया. इस दौरान ETV BHARAT की टीम ने चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों से उनकी राय जानी. देखें पूरी रिपोर्ट....

सुनिए क्या कह रही ग्राम पंचायत मंछना की जनता
सुनिए क्या कह रही ग्राम पंचायत मंछना की जनता
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Published : Feb 17, 2021, 1:30 PM IST

मैनपुरी: जिले की ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत मंछना में 15 हजार वोटर हैं. वहीं सर्वाधिक सात हजार दिवाकर समाज का वोट है. यहां का पंचायत घर खंडहर पड़ा हुआ है. गांव में बहुत से जरूरतमंद लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कुछ लोगों को शौचायल दिया गया है. वहीं विकास के नाम पर गांव में कुछ नहीं हुआ है.

सुनिए क्या कह रही ग्राम पंचायत मंछना की जनता

ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत मंछना 14 गांव लगते हैं. इस ग्राम पंचायत की आबादी 15 हजार है. गांव की एकजुटता ऐसी की मजरे में कहीं प्रधानी न चली जाए चाहे प्रधान ने विकास कराया हो या न कराया हो एकजुट हो जाते हैं. गांव के ही प्रत्याशी को वोट देते हैं. जिससे प्रधान का दावेदार व्यक्ति जीत जाता है. इसी वजह से यहां पर सात दशक से समय बीतने के बाद भी प्रधानी कहीं दूसरे मजरे में नहीं पहुंची है.

ग्रामीणों का कहना है कि जिस दिन से पंचायत घर बना है. उसमें कोई भी नहीं गया. हालात यह हो गए कि गांव में भूसा और जानवर बांधने का काम में पंचायत घर किया जाता है. बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल तो बने हैं, लेकिन स्कूलों का हालत भी जर्जर है. साथ ही कुछ ग्रामीणों ने बताया कि नालियों में पानी भरा रहता है. जिससे बहुत परेशानी होती है.

मैनपुरी: जिले की ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत मंछना में 15 हजार वोटर हैं. वहीं सर्वाधिक सात हजार दिवाकर समाज का वोट है. यहां का पंचायत घर खंडहर पड़ा हुआ है. गांव में बहुत से जरूरतमंद लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कुछ लोगों को शौचायल दिया गया है. वहीं विकास के नाम पर गांव में कुछ नहीं हुआ है.

सुनिए क्या कह रही ग्राम पंचायत मंछना की जनता

ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत मंछना 14 गांव लगते हैं. इस ग्राम पंचायत की आबादी 15 हजार है. गांव की एकजुटता ऐसी की मजरे में कहीं प्रधानी न चली जाए चाहे प्रधान ने विकास कराया हो या न कराया हो एकजुट हो जाते हैं. गांव के ही प्रत्याशी को वोट देते हैं. जिससे प्रधान का दावेदार व्यक्ति जीत जाता है. इसी वजह से यहां पर सात दशक से समय बीतने के बाद भी प्रधानी कहीं दूसरे मजरे में नहीं पहुंची है.

ग्रामीणों का कहना है कि जिस दिन से पंचायत घर बना है. उसमें कोई भी नहीं गया. हालात यह हो गए कि गांव में भूसा और जानवर बांधने का काम में पंचायत घर किया जाता है. बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल तो बने हैं, लेकिन स्कूलों का हालत भी जर्जर है. साथ ही कुछ ग्रामीणों ने बताया कि नालियों में पानी भरा रहता है. जिससे बहुत परेशानी होती है.

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