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मैनपुरी: 9 डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है जिला अस्पताल, नहीं चेत रहे जिम्मेदार

यूपी के मैनपुरी में जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों के सापेक्ष में सिर्फ 9 चिकित्सक ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं. शासन ने अभी तक कोई भी डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं किया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिले में खांसी, बुखार और मलेरिया का प्रकोप
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Published : Aug 28, 2019, 7:42 AM IST

मैनपुरी: जनपद में पिछली सरकार की अपेक्षा इस सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं काफी हद तक लचर हैं. इसी के चलते मौसमी बीमारी का आंकड़ा अब 1,200 तक पहुंच गया है. वहीं लगातार शासन को सूचित करने के बाद भी अभी तक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई है. खांसी, बुखार और मलेरिया के मरीज घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते सीएमएस.

9 डॉक्टरों के भरोसे जिला अस्पताल-

  • जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों के सापेक्ष में सिर्फ नौ चिकित्सक ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
  • वहीं प्रत्येक डॉक्टर लगभग 300 मरीजों को देखता है.
  • लोगों को तकलीफ को देखते हुए डॉक्टर किसी तरीके से काम चला रहे हैं.
  • मौसमी बीमारी का आंकड़ा अब 1,200 तक पहुंच गया है.

लगभग हम प्रतिदिन 1,200 ओपीडी में मरीज देख रहे हैं .साथ ही सबसे ज्यादा जांच के दौरान मलेरिया के मरीज देखने को मिले. वहीं लोगों को साफ -सफाई के अभाव में जागृत किया. साथ ही जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों की तैनाती के सापेक्ष में सिर्फ नौ डॉक्टरों से हम काम चला रहे हैं. शासन द्वारा कोई भी दवा की कमी नहीं है. सभी दवाइयां हॉस्पिटल में उपलब्ध हैं.
-डॉ. आरके सागर, सीएमएस

मैनपुरी: जनपद में पिछली सरकार की अपेक्षा इस सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं काफी हद तक लचर हैं. इसी के चलते मौसमी बीमारी का आंकड़ा अब 1,200 तक पहुंच गया है. वहीं लगातार शासन को सूचित करने के बाद भी अभी तक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई है. खांसी, बुखार और मलेरिया के मरीज घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते सीएमएस.

9 डॉक्टरों के भरोसे जिला अस्पताल-

  • जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों के सापेक्ष में सिर्फ नौ चिकित्सक ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
  • वहीं प्रत्येक डॉक्टर लगभग 300 मरीजों को देखता है.
  • लोगों को तकलीफ को देखते हुए डॉक्टर किसी तरीके से काम चला रहे हैं.
  • मौसमी बीमारी का आंकड़ा अब 1,200 तक पहुंच गया है.

लगभग हम प्रतिदिन 1,200 ओपीडी में मरीज देख रहे हैं .साथ ही सबसे ज्यादा जांच के दौरान मलेरिया के मरीज देखने को मिले. वहीं लोगों को साफ -सफाई के अभाव में जागृत किया. साथ ही जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों की तैनाती के सापेक्ष में सिर्फ नौ डॉक्टरों से हम काम चला रहे हैं. शासन द्वारा कोई भी दवा की कमी नहीं है. सभी दवाइयां हॉस्पिटल में उपलब्ध हैं.
-डॉ. आरके सागर, सीएमएस

Intro:मौसमी बीमारी के चलते सेहत बीमार जिला चिकित्सालय मैं 27 डॉक्टरों की तैनाती की सापेक्ष सिर्फ 9 चिकित्सक ही कर रहे हैं इलाज प्रतिदिन यह आंकड़ा बारह सौ मरीजों का कई बार शासन को सूचित किया


Body:उत्तर प्रदेश का मैनपुरी जनपद अगर हम मैनपुरी जनपद की बात करें तो यहां पर पिछली सरकार की अपेक्षा इस सरकार में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं काफी हद तक लचर है इसी के चलते मौसमी बीमारी में का यह आंकड़ा अब 12 सौ तक पहुंच गया वही लगातार शासन को सूचित करने के बाद भी शासन ने अभी तक कोई भी डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की जिससे खासा मरीजों को परेशानियां हो रही है

खांसी बुखार मलेरिया के आम लोग जो कि घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं

आज cms डॉ सागर से बात किया तो उन्होंने बताया कि लगभग हम प्रतिदिन 1200 ओपीडी में मरीज देख रहे हैं साथ ही सबसे ज्यादा जांच के दौरान मलेरिया के मरीज देखने को मिले वही लोगों को साफ सफाई के अभाव में जागृत किया साथ ही जिला चिकित्सालय में 27 डॉक्टरों की तैनाती के सापेक्ष में सिर्फ 9 डॉक्टरों से हम काम चला रहे हैं वहीं प्रत्येक डॉक्टर लगभग तीन सौ मरीजों को देखता है साथ ही लोगों को तकलीफ के मद्देनजर देखते हुए किसी तरीके से हम काम चला रहे हैं शासन द्वारा कोई भी दवा की कमी नहीं है सभी दवाइयां हॉस्पिटल में उपलब्ध हैं
बाइट-बेचेलाल पीड़ित
बाइट- डॉक्टर आरके सागर सीएमएस मैनपुरी


Conclusion:इन्फ्राट्रक्चर तो है लेकिन डॉक्टर नहीं है।
प्रवीण सक्सेना मैनपुरी
9457412304
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