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मैनपुरी: खतरे में ईसन नदी का अस्तित्व, डीएम ने बचाने का उठाया बीड़ा

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Published : Feb 1, 2020, 11:52 PM IST

यूपी के मैनपुरी के बीचों-बीच गुजरती ईसन नदी का अस्तित्व खतरे में है. इसे देखते हुए डीएम ने नदी के अस्तित्व को बचाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है.

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ईसन नदी के अस्तित्व को बचाने की डीएम की शुरूआत.

मैनपुरी: जिले के बीचों-बीच गुजरती ईसन नदी का अस्तित्व खतरे में है. इसे देखते हुए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने नदी के अस्तित्व को बचाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है.

ईसन नदी के अस्तित्व को बचाने की डीएम की शुरूआत.

शहरों का आधुनिकीकरण करने के चलते हम अपनी धरोहर को समाप्त करने पर तुले हैं. ईसन नदी शहर से होते हुए लगभग 3 दर्जन से अधिक गांवों से गुजरती है. किसान इसका पानी सिंचाई के लिए उपयोग करते हैं. इस नदी को बचाने के लिए नदी के किनारे मिट्टी की पटरी बनाई गई है. जिससे आम लोग पटरी पर चल सकें. साथ ही एक लाइन का उपयोग पेड़ों के लिए किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस

वहीं, गर्मियों के समय इस नदी में पानी सूख जाता है. जिसके चलते लोग अतिक्रमण करने लगते हैं. इस को ध्यान में रखते हुए कुछ जल स्रोतों के माध्यम से इसमें पानी छोड़ा जाएगा.

मैनपुरी: जिले के बीचों-बीच गुजरती ईसन नदी का अस्तित्व खतरे में है. इसे देखते हुए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने नदी के अस्तित्व को बचाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है.

ईसन नदी के अस्तित्व को बचाने की डीएम की शुरूआत.

शहरों का आधुनिकीकरण करने के चलते हम अपनी धरोहर को समाप्त करने पर तुले हैं. ईसन नदी शहर से होते हुए लगभग 3 दर्जन से अधिक गांवों से गुजरती है. किसान इसका पानी सिंचाई के लिए उपयोग करते हैं. इस नदी को बचाने के लिए नदी के किनारे मिट्टी की पटरी बनाई गई है. जिससे आम लोग पटरी पर चल सकें. साथ ही एक लाइन का उपयोग पेड़ों के लिए किया जा रहा है.

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वहीं, गर्मियों के समय इस नदी में पानी सूख जाता है. जिसके चलते लोग अतिक्रमण करने लगते हैं. इस को ध्यान में रखते हुए कुछ जल स्रोतों के माध्यम से इसमें पानी छोड़ा जाएगा.

Intro:शहरों का आधुनिकरण करने के चलते हम अपनी धरोहर को ही समाप्ति करने पर तुले हुए हैं इसी धरोहर को बचाने के लिए मैनपुरी जिला अधिकारी ने इसकी शुरुआत की शहर से बीचो-बीच गुजरती हुई ईसन नदी जिसको अस्तित्व ही खतरे में था उसको जीवंत करने के लिए एक अनोखी पहल का प्रारंभ किया


Body:शहरों को आधुनिकरण करने के चलते हम अपनी धरोहर को ही समाप्त करने पर तुले हुए हैं इसी के मध्य नजर मैनपुरी जनपद में तैनाती के बाद खासकर सकारात्मक ऊर्जा को लेकर जिलाधिकारी मैनपुरी ने स्वच्छ मैनपुरी को बनाने के लिए मुहिम छेड़ रखी उसी के अंतर्गत जिला अधिकारी मैनपुरी को कलकल बहती किसी समय शहर से होकर गुजरती ईसन नदी जिसका अस्तित्व ही खतरे में था

वही नगर पालिका से लेकर आम लोग इसमें कूड़ा डालकर गंदगी कर रहे थे साथ ही शहर का गंदा पानी नदी में छोड़ा जा रहा था वहीं जिला अधिकारी मैनपुरी ने इस नदी का अस्तित्व बचाने के लिए बीड़ा उठाया और उन्होंने सभी लोगों से सहयोग की अपील की इसी के तहत जिला अधिकारी मैनपुरी ने ईशन नदी जो मैनपुरी शहर से होते हुए लगभग 3 दर्जन से अधिक गांव में होकर गुजरती है

किसान इसको सिंचाई के लिए पानी का उपयोग करते हैं नदी का अस्तित्व बचाने के लिए नदी के किनारे मिट्टी की पटरी बनाई गई है जिससे आम लोग जो की पटरी पर चल सकें साथ ही एक लाइन का उपयोग पेड़ों के लिए किया जा रहा है वहीं गर्मियों के समय इस नदी में पानी सूख जाता है जिसके चलते लोग अतिक्रमण करने लगते हैं इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ जल स्रोतों द्वारा इसमें पानी छोड़ा जाएगा

बाइट- महेंद्र बहादुर सिंह जिला अधिकारी मैनपुरी


Conclusion:नदी का किया कायाकल्प
प्रवीण सक्सेना मैनपुरी 94 5741 2304
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