मैनपुरी: जिले में पुलिस और साइबर सेल ने मिलकर बैंको से रुपये निकालने आये लोगों से फर्जीवाड़ा कर उनके चेक गायब करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. यह शातिर चोर बैंकों से फर्जी भुगतान करते थे. पुलिस ने आरोपियों से लाखों रुपये, फर्जी चेक, मोबाइल, एटीएम कार्ड और एक कार भी बरामद की है.
पुलिस के मुताबिक, बेबर थाना क्षेत्र के ग्राम मानपुर हरी के निवासी सर्बधार सिंह 6 अक्टूबर को अपने बहनोई द्वारा दिए हुए कैनरा बैंक के चेक को अपने खाते में जमा करवा दिया था. तीन से चार दिन बाद उसे चेक का पेमेंट न आने पर वह बैंक ऑफ इंडिया पहुंचा. बैंक के कर्मचारियों से चेक के बारे में पूछा. कर्मचारियों ने सर्बधार सिंह को चेक नहीं आने की बात कही. इसके बाद सर्बधार सिंह ने बैंक का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो देखा कि अज्ञात लोग बैंक में घुसकर उसका चेक ले गए. इसके बाद पीड़ित ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. जब यह बात मैनपुरी पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार को पता लगी तो उन्होंने चेक चुराने और फर्जीवाड़ा करने वाले बदमाशों के खिलाफ अभियान शुरू किया. आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया. इसके बाद सोमवार को पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बीते 6 अक्टूबर को वह अपनी इनोवा गाड़ी से बेवर कस्वा में बैंक ऑफ इंडिया से चेक की चोरी करने के मकसद से आये थे. एक साथी बस अड्डे पर खड़ा रहा और दूसरा साथी बैंक मे जाकर चैक चोरी कर ले आया और फरार हो गया. चेक आगरा कैंट का होने के कारण वह आगरा पहुंचे. चेक पर पीछे खाता नंबर लिखा हुआ था. हम लोगों ने रबर और कलर पेंसिल की सहायता नंबर बदल दिया.
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि सभी आरोपी करीब 10 सालों से यह काम कर रहे है. यह सभी अंतरराष्ट्रीय चोर है. आरोपी दिल्ली, हरयाणा,राजस्थान उत्तराखण्ड, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के जेल में कई बार जा चुके है. सभी गैंग के सदस्य उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले है. पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.
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