मैनपुरी: मुख्य चिकित्सा अधिकारी कोमैनपुरी में मेडिकल स्टोर को सील करना भारी पड़ गया. मेडिकल स्टोर संचालक और वहां मौजूदकुछ लोग मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार पांडेय के साथ उलझ गए. इस दौरानकिसी तरह अपनी जान बचाकर डॉ अशोक कुमार पांडेय और उनकी टीमवहां से निकल गई.
दरअसल मैनपुरी जिले मेंकुछ दिन पूर्व झोलाछाप बंगालीडॉक्टर ने तेजबुखार में एक किशोरी को इंजेक्शन लगा दियाथा. इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के चलतेकिशोरी की आंखों की रोशनी चली गईथी. किशोरी के इलाज के लिए उसके पिता ने अपनीतीनबीघा जमीनगिरवी रख दीहै. वही इसकीशिकायत लगातार स्वास्थ्य विभाग को मिल रही थी. शनिवार को सचल दल केसाथ मुख्य चिकित्सा अधिकारीडॉ अशोक कुमार पांडेय गांव पहुंचे और झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की.
झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करके वापस लौट रहे सीएमओडॉ अशोक कुमार पांडे की नजर हनुखेड़ा कस्बेमें उसीझोलाछाप बंगाली डॉक्टर के रिश्तेदार की पैथालॉजी पर पड़ी तो उन्होंने गाड़ी रुकवा ली. इस दौरान सीएमओ ने मैनपुरी जांच केंद्र के नाम से चल रहीपैथोलॉजी कलेक्शन को सीलकर दिया.पैथालॉजी के बगल में संचालित एक मेडिकल स्टोर को सील करने कीकार्रवाई सीएमओ कर ही रहे थे, तभी मेडिकल स्टोर संचालक वहां आ गया और सीएमओ से उलझ गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने सीएमओ सहित उनकी टीम को वहां से खदेड़ दिया.
वहीं सीएमओ ने मामले को लेकर कहा कि इस तरीके से कोई घटना नहीं हुई है. कुछ दिन पूर्व झोलाछापबंगाली डॉक्टर द्वारा दिए गए इंजेक्शन सेकिशोरी के आंखोंकी रोशनीचली गई थी, जिसकी शिकायत पर बंगाली डॉक्टरपर कार्रवाई की गई है.वहीं रास्ते में एक पैथालॉजी को भी सील किया गया है. वहीं मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई के दौरान वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शी प्रशांतने बताया की जिस समय मेडिकल स्टोर को सील किया जा रहा था, उसी समय मेडिकल स्टोर संचालक अभिजीत वहां आ गया. अभिजीत ने वहां मौजूद टीम से कहा कि मेडिकल स्टोरका शटर खोल दीजिए, जिससे मैं दस्तावेज दिखा सकूं, लेकिनटीम के सदस्यों ने उसकी बात नहीं सुनी.