मैनपुरी: जिले में ईंट भट्ठे पर काम कर रहे मजदूरों को उनके घर बिहार भेजने के लिए के लिए कई ट्रेनें रवाना की जा रही थीं. इसी क्रम में सोमवार को आखिरी स्पेशल श्रमिक ट्रेन से 1761 श्रमिकों को बिहार भेजा गया. स्थानीय प्रशासन ने श्रमिकों के खाने-पीने के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं उपलब्ध कराईं. ट्रेन रवाना होने से पहले जिलाधिकारी ने श्रमिकों से बातचीत की. इस दौरान श्रमिकों ने अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया.
श्रमिकों पर पड़ा खासा असर
दरअसल यूपी के मैनपुरी जिले में ईंट-भट्ठे का सर्वाधिक काम किया जाता है. इसी के तहत बिहार राज्य से सर्वाधिक मजदूर यहां आते हैं. यहां श्रमिकों को भट्ठा मालिक अपने खर्चे पर बुलाता है. उसके बाद इनकी रहने खाने से लेकर सभी व्यवस्थाएं मुहैया कराता है. यह श्रमिक अपने घर से परिवार सहित आते हैं, उसके बाद बरसात से ठीक पहले अपने घर के लिए लौट जाते हैं. लौटने की व्यवस्था भी भट्ठा मालिक ही करते हैं. दुर्भाग्यवश इस बार कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया, जिसका सीधा असर श्रमिकों पर पड़ा.
वैश्विक महामारी के कारण ईंट-भट्ठा का व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया. हालांकि इस दौरान भट्ठे पर काम करने वाले श्रमिकों को राशन संबंधी कोई समस्या नहीं आई और भट्ठा मालिकों ने इनको खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई थी.
7 हजार प्रवासी श्रमिकों को भेजा गया बिहार
श्रमिक दूसरे राज्य से काम करके पैसा कमाने के उद्देश्य आते हैं. श्रमिकों ने इस बार जो भी कमाया था, वह लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गया. श्रमिक लगातार अपने घर जाने की बात कह रहे थे. भट्ठा मालिक यूनियन के द्वारा स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया गया. इस दौरान प्रशासन ने लगातार चार ट्रेनों के माध्यम से लगभग 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को बिहार भेजा. इसी क्रम में रविवार को चौथी ट्रेन प्रवासी श्रमिकों को लेकर रवाना हुई, जिसमें 1761 प्रवासी श्रमिक थे.
श्रमिकों ने अदा किया शुक्रिया
भट्ठा मालिकों ने श्रमिकों का पूरा भुगतान किया. ट्रेन रवाना होने से पहले जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने इन श्रमिकों से बात की. श्रमिकों के चेहरों पर घर जाने की खुशी साफ झलक रही थी. ट्रेन चलने के दौरान सभी अधिकारियों का इन श्रमिकों ने शुक्रिया अदा किया.