महोबा : जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल पहले से ही बेहाल है. समूचे जनपद में मेडिकल स्टाफ की कमी से मरीजों को पहले से ही भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय के अधिकांश पद खाली होने के चलते मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. अब जिला अस्पताल में टेस्टिंग मशीन के 12 दिनों से खराब होने से मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है. हालत यह है जिला अस्पताल में 8 जुलाई से सिलेक्ट्रा मशीन खराब पड़ी है. इस वजह से लीवर, किडनी, शुगर, लिपिड सीआरपी, आरए फैक्टर, सीवीसी, इलेक्ट्रोलाइट, मलेरिया, टाइफाइड, यूरिन की जांच भी आज से पूरी तरह बन्द हो गयी है.
शहर सहित दूर-दराज के गांवों से जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हजारों मरीज प्रतिदिन बिना इलाज, बिना जांच बैरंग वापस जाने के लिए मजबूर हैं. जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि मशीन के काम नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए शासन को एक रिपोर्ट भेजी गयी है. जल्द ही मशीन को सही करा कर मरीजों की जांच शुरू कर दी जाएगी.
महोबा जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल के जांच अनुभाग में एक मशीन होती है, जिससे जांच की जाती है. उस मशीन का लेजर पार्ट खराब हो गया है, जिसके लिए संबन्धित कम्पनी को लेटर भेजा गया है. कम्पनी के इंजीनियर ने भी मशीन को चेक किया है. लेकिन, इसका एक पार्ट नहीं मिल रहा है जिसको बुक कर दिया गया है. जल्द ही मशीन सही हो जाएगी.
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