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महोबा : कोरोना संक्रमण से बंदियों को बचाने के लिए बनाई गई अस्थाई जेल

उत्तर प्रदेश के जनपद महोबा में कोरोना वायरस के संक्रमण से कैदियों को बचाने के लिए जिला मुख्यालय में अस्थाई जेल बनाई गई है. जिसमें 30 कैदियों के रहने की क्षमता है.

अस्थायी कारागार
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Published : Jul 24, 2020, 9:59 PM IST

महोबा : जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कैदियों को कोविड-19 से बचाने व नियमों का पालन कराने के लिए अस्थाई जेल बनाई गई है. मुख्यालय के एक स्कूल में इस अस्थाई जेल की शुरुआत की गई है, ताकि कैदियों में सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन कराया जा सके.


महोबा उपकारागार में लगातार बढ़ रही कैदियों की संख्या को देखते हुए शासन के आदेश व जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी के निर्देशन में ज्ञानस्थली पब्लिक स्कूल को अस्थाई जेल के रूप में तैयार किया गया है. जिसमें 3 बड़े कमरे हैं. प्रत्येक कमरों में 30-30 कैदियों की रुकने की क्षमता है, जो सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है. यह कमरे उपकारागार से लगे हुए हैं. जिसमें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत उसका निराकरण किया जा सके. वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के प्रति भीड़ को कम करने के उद्देश्य से सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने में कारगर प्रयास किया गया है, ताकि किसी भी बंदी में कोरोना संक्रमण न फैल सके.


इस बारे में महोबा के जेलर बीएन मिश्रा ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए पूरे प्रदेश में यह निर्देश दिया गया है. जिस जनपद में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, वहां पर बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं. यहां बंदियों को रखकर चेकअप कराया जाएगा. इसके बाद उन्हें मुख्य उपकारागार में रखा जाएगा. जिससे बंदियों में कोरोना से बचाव होता रहेगा. फिलहाल जिला कारागार के 7 बंदी अस्थाई जेल में रखे गए हैं.

महोबा : जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कैदियों को कोविड-19 से बचाने व नियमों का पालन कराने के लिए अस्थाई जेल बनाई गई है. मुख्यालय के एक स्कूल में इस अस्थाई जेल की शुरुआत की गई है, ताकि कैदियों में सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन कराया जा सके.


महोबा उपकारागार में लगातार बढ़ रही कैदियों की संख्या को देखते हुए शासन के आदेश व जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी के निर्देशन में ज्ञानस्थली पब्लिक स्कूल को अस्थाई जेल के रूप में तैयार किया गया है. जिसमें 3 बड़े कमरे हैं. प्रत्येक कमरों में 30-30 कैदियों की रुकने की क्षमता है, जो सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है. यह कमरे उपकारागार से लगे हुए हैं. जिसमें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत उसका निराकरण किया जा सके. वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के प्रति भीड़ को कम करने के उद्देश्य से सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने में कारगर प्रयास किया गया है, ताकि किसी भी बंदी में कोरोना संक्रमण न फैल सके.


इस बारे में महोबा के जेलर बीएन मिश्रा ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए पूरे प्रदेश में यह निर्देश दिया गया है. जिस जनपद में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, वहां पर बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं. यहां बंदियों को रखकर चेकअप कराया जाएगा. इसके बाद उन्हें मुख्य उपकारागार में रखा जाएगा. जिससे बंदियों में कोरोना से बचाव होता रहेगा. फिलहाल जिला कारागार के 7 बंदी अस्थाई जेल में रखे गए हैं.

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