महोबा: बूंद-बूंद पानी को मोहताज बुंदेलखंड में एक व्यक्ति ने अपनी निजी नलकूप से सूखी चंद्रावल नदी को जीवित कर दिया है. आधुनिक युग के बलबीर नामक भगीरथ के कठिन मेहनत और लगन के चलते आसपास के गांवों में जलस्तर तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है. सूखे तालाब और पोखरों को नदी का पानी मिलने से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए यह नदी जीवनदायिनी बन गई है. बलबीर के निस्वार्थ भाव को देख ग्रामीण बेहद खुश हैं.
कड़ी मशक्कत के बाद नदी में भरा पानी
- महोबा जिले के सदर तहसील के कबरई विकासखण्ड के बन्नी गांव में भीषण गर्मी से सभी नदियां, नाले, तालाब, पोखर सूख गए थे.
- जिससे पशु-पक्षी और जंगली जानवर प्यास से तड़प के दम तोड़ने लगे थे.
- तब महोबा जिले का एक किसान बलबीर आधुनिक भगीरथ के रूप में सामने आया और उसने अपने निजी ट्यूबवेल चला कर सूखी नदी में पानी भरा.
- तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उसने नदी में पानी भर के चमत्कार कर दिखाया है.
- अब कई किलो मीटर तक नदी में पानी लहलहा रहा है और प्यास से तड़प रहे पशु-पक्षी और इंसान अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
ग्रामीणों के लिए बलबीर सिंह बने मसीहा
- महोबा के चांदो गांव के पहाड़ से निकली यह वर्षो पुरानी चंद्रावल नदी बेहद कम बारिश के चलते अपने अस्तित्व को खो चुकी थी.
- सूरज की आग उगलती गर्मी से नदी में धूल उड़ रही थी.
- भीषण गर्मी में सभी ग्रामीणों में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ था.
- इसी बीच गांव के बलबीर सिंह ने अपने निजी नलकूप से पाइप और खेतों से कच्ची नाली के माध्यम से नदी को पानी पहुंचाई.
- यह पानी करीब 10 किलोमीटर की सीमा पार कर चुका है.
- बलबीर बुजुर्ग किसान के अथक प्रयास के बाद आज सूखी चंद्रावल नदी लबालब भरी है और पशु पक्षी इंसान अपनी प्यास बुझा रहे है.
श्री रामराजा सरकार की प्ररेणा से वह इस कठिन और आश्चर्य चकित काम करने में सफल हुए हैं. तीन महीनों से लगातार चल रहा यह निजी नलकूप बुंदेलों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. दिन-रात पानी नदी में पहुंचाने के लिए कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा.
-बलबीर सिंह, किसान