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महोबा जिला अस्पताल में नवजात की मौत, सुविधा शुल्क मांगने का आरोप

महोबा जिला अस्पताल में नवजात की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही करने और रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. वहीं,सीएमएस ने टीम से मामले की जांच कराने की आश्वासन दिया है.

Etv Bharatमहोबा जिला अस्पताल में लापरवाही की भेंट चढ़ा नवजात
Etv Bharatमहोबा जिला अस्पताल में लापरवाही की भेंट चढ़ा नवजात
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Published : Aug 5, 2023, 5:14 PM IST

महोबा जिला अस्पताल में लापरवाही की भेंट चढ़ा नवजात

महोबा: सूबे के मुखिया के लाख प्रयास के बाद भी जिला महिला अस्पताल में लापरवाही और रिश्वत खोरी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे है. आलम यह है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है. जिला महिला अस्पतला महोबा में शनिवार को डॉक्टर और स्टाफ द्वारा लापरवाही का मामला सामने आया है. शुक्रवार को को नॉर्मल डिलीवरी से जन्मे नवजात की रात में अचानक तबियत बिगड़ने पर मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई न होने पर नवजात का शव ले जाने से मना कर दिया. जिसपर सीएमएस ने टीम से जांच करा कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ.

अस्पताल के बाहर मौजदू परिजनों की भीड़
अस्पताल के बाहर मौजदू परिजनों की भीड़

कबरई थाना अंतर्गत बरबई ग्राम निवासी हेमंत शुक्रवार को अपनी गर्भवती पत्नी हेमा को जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए लाया था. उसी दिन हेमवती ने एक स्वस्थ नवजात को जन्म दिया, डिलीवरी के बाद जज्जा और बच्चा दोनों की स्वस्थ थे. हेमंत का आरोप है कि रात में अचानक नवजात की हालत खराब हो गई. जिसके बारे में स्टाफ और डॉक्टर का बताया गया. लेकिन, स्टाफ अपनी नींद पूरी करने में व्यस्थ था. उन्होंने सुबह डॉक्टर को दिखाने के लिए कहा. जिससे मासूम की हालत और बिगड़ गई. कुछ ही देर बात नवजात की मौत हो गई.

हेमंत और परिजनों का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ नर्स और कुछ स्वास्थ्य कर्मी उनसे पैसों की मांग कर रहे थे. लेकिन उसके पास देने के लिए पैसा नहीं था. अगर वह पैसा दे देता तो बच्चे की जान बच जाती. नवजात के शव को भी परिजनों ने लेने से मना कर दिया. परिजन लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर पर कार्रवाई करने की बात पर अड़े रहे.

हालांकि, सीएमएस ने टीम गठित कर जांच में दोषी पाए जाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. तब जाकर परिजन शांत हुए. गौरतलब है कि महिला जिला अस्पताल में लापरवाही बरतने और रिश्वत मांगने का यह कोई पहला मामला नहीं है. कई बार स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रिश्वत लेने के वीडियो भी वायरल हो चुके हैं. इसके बाद भी यहां लापरवाही और रिश्वतखोरी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ बैठा है.


यह भी पढ़ें: कानपुर में डॉक्टर की लापरवाही से नवजात की मौत, अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज

यह भी पढ़ें: IIT रुड़की में चयनित छात्रा का अपहरण, परिजनों से मांगी दस लाख की फिरौती

महोबा जिला अस्पताल में लापरवाही की भेंट चढ़ा नवजात

महोबा: सूबे के मुखिया के लाख प्रयास के बाद भी जिला महिला अस्पताल में लापरवाही और रिश्वत खोरी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे है. आलम यह है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है. जिला महिला अस्पतला महोबा में शनिवार को डॉक्टर और स्टाफ द्वारा लापरवाही का मामला सामने आया है. शुक्रवार को को नॉर्मल डिलीवरी से जन्मे नवजात की रात में अचानक तबियत बिगड़ने पर मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई न होने पर नवजात का शव ले जाने से मना कर दिया. जिसपर सीएमएस ने टीम से जांच करा कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ.

अस्पताल के बाहर मौजदू परिजनों की भीड़
अस्पताल के बाहर मौजदू परिजनों की भीड़

कबरई थाना अंतर्गत बरबई ग्राम निवासी हेमंत शुक्रवार को अपनी गर्भवती पत्नी हेमा को जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए लाया था. उसी दिन हेमवती ने एक स्वस्थ नवजात को जन्म दिया, डिलीवरी के बाद जज्जा और बच्चा दोनों की स्वस्थ थे. हेमंत का आरोप है कि रात में अचानक नवजात की हालत खराब हो गई. जिसके बारे में स्टाफ और डॉक्टर का बताया गया. लेकिन, स्टाफ अपनी नींद पूरी करने में व्यस्थ था. उन्होंने सुबह डॉक्टर को दिखाने के लिए कहा. जिससे मासूम की हालत और बिगड़ गई. कुछ ही देर बात नवजात की मौत हो गई.

हेमंत और परिजनों का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ नर्स और कुछ स्वास्थ्य कर्मी उनसे पैसों की मांग कर रहे थे. लेकिन उसके पास देने के लिए पैसा नहीं था. अगर वह पैसा दे देता तो बच्चे की जान बच जाती. नवजात के शव को भी परिजनों ने लेने से मना कर दिया. परिजन लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर पर कार्रवाई करने की बात पर अड़े रहे.

हालांकि, सीएमएस ने टीम गठित कर जांच में दोषी पाए जाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. तब जाकर परिजन शांत हुए. गौरतलब है कि महिला जिला अस्पताल में लापरवाही बरतने और रिश्वत मांगने का यह कोई पहला मामला नहीं है. कई बार स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रिश्वत लेने के वीडियो भी वायरल हो चुके हैं. इसके बाद भी यहां लापरवाही और रिश्वतखोरी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ बैठा है.


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