महोबा: 20 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने 4 साल के मासूम को 25 फुट गहरे बोरवेल से बाहर निकाल लिया. जीवन रक्षक एम्बुलेंस से बच्चे को महोबा जिला अस्पताल ले आया गया. हालांकि बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी. जिलाधिकारी ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है. जिलाधिकारी ने मृतक बच्चे के परिजनों को राज्य आपदा मोचक निधि से आर्थिक मदद देने की बात कही.
बता दें कि सूचना पर आनन-फानन में जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंच मोर्चा संभालते हुए आधा दर्जन जेसीबी एलएनटी मशीनों से रेस्क्यू की शुरुआत कराई. बच्चे को सकुशल बचाने का भरसक प्रयास किया गया. साथ ही लखनऊ मुख्यालय से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया गया. सूचना के 10 घंटे बाद पहुंची एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने घंटों रेस्क्यू के बाद बच्चे को बोरवेल से निकालकर एम्बुलेंस की मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया.
अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया. वहीं बच्चे की मौत की सूचना पर डीएम एसपी ने जिला अस्पताल पहुंचकर मृत बच्चे के परिजनों का ढांढस बंधाया. साथ ही उन्होंने मृतक बच्चे के परिजनों को राज्य आपदा मोचक निधि से आर्थिक सहायता दिलाने की भी बात कही.
मृतक बच्चे के परिजन हर प्रसाद ने बताया कि उनका बच्चा बोरवेल में गिर गया था, जहां सिंचाई हो रही थी. खुदाई करके टीमों ने कड़ी मेहनत के बाद उसे निकाला और जिला अस्पताल लेकर आये. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया.
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गुलशेर अहमद ने बताया कि बोरवेल से जिस बच्चे को हमारे पास लाया गया है, उसको चेकअप करने के बाद मृत पाया गया है. बच्चा लगभग 6 घंटे पहले ही दम तोड़ चुका था.
जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया कि जो बच्चा बोरवेल में गिरा था, उसको पुलिस प्रशासन, एसटीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने 18 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाल लिया था. बच्चे को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया कि उसकी मौत हो गई है. आगे पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी.
जानें पूरा मामला
मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र के बुधौरा गांव का है, जहां किसान भागीरथ कुशवाहा अपने परिवार के साथ खेत पर गेहूं की फसल में पानी लगा रहा था, तभी खेत में खेल रहा भागीरथ का चार साल का बेटा घनेन्द्र नौ इंच चौड़े बोरवेल में जा गिरा. खेत में काम कर रहे पति-पत्नी ने खेत में घनेन्द्र को खोजा तो उसका कहीं पता नहीं चला. खोजते-खोजते जब वह बोरवेल के पास पहुंचे तो बेटे की आवाज सुनकर दंग रह गए.
भागीरथ ने इसकी सूचना पुलिस को दी, सूचना के बाद प्रशासन एलर्ट हो गया. सूचना पर जिले के डीएम सत्येन्द्र कुमार, एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव भारी पुलिसबल और प्रशासनिक अमले के साथ कुलपहाड से उपजिलाधिकारी मोहम्मद अवेश , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलाताल के चिकित्सक एवं अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. बच्चे को बचाने के लिए करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लखनऊ से मदद के लिए महोबा पहुंची.