महोबा: केंद्र सरकार की नीतियों और निजीकरण की ओर बढ़ रहे कदम को लेकर बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल के बाद अब एलआईसी कर्मी भी सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल पर आ गए हैं. एलआईसी कर्मियों द्वारा सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया गया. साथ ही सरकार को खरी-खोटी सुनाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में एलआईसी कर्मी मौजूद रहे.
महोबा जिले में भारतीय बीमा निगम की शाखा कार्यालय में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीमा कर्मी एवं अधिकारी लंबित वेतन पुननिर्धारण की मांग, एलआईसी के आईपीओ और बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा में बढ़ोतरी के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. हड़ताल कर रहे कर्मियों का कहना है कि 43 महीने गुजर जाने के बाद भी बीमा कंपनी कर्मियों के वेतन पुननिर्धारण पर प्रबंधन के द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों में रोष व्यापक है.
वहीं भारत सरकार एलआईसी के आईपीओ के माध्यम से सीधे-सीधे एलआईसी के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है और अलोकतांत्रिक तरीके से एलआईसी एक्ट 1956 में संशोधन कर इस राष्ट्रीयकृत उपयोग का निजीकरण कर इसको कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि राष्ट्रहित में नहीं है. यह प्रस्ताव आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रवाद की भावना के खिलाफ है. बीमा क्षेत्र में 74% एफडीआई से देश की जनता की बचत पूंजीपतियों और विदेशी हाथों में जाएगी, जिसका वह लोग दुरुपयोग कर सकते हैं. हाल ही में यश और पीसीएम बैंक इसका जीता जागता उदहारण हैं. सरकार और प्रबंधन तंत्र के इस रवैये के खिलाफ आज एक दिवसीय हड़ताड़ की जा रही है.
हमारी जो हड़ताल है, वह निजीकरण को लेकर है. अभी हमारे बैंक के साथियों ने दो दिवसीय हड़ताल की है. आज हमारे संयुक्त मोर्चा के बैनर तले एक दिवसीय हड़ताल की जा रही है.
-प्रभांशु शुक्ला, एलआईसी अधिकारी