महोबा : जिले में सिंचाई विभाग की संवेदनहीनता सामने आई है. इसमें विभाग द्वारा मृत तकरीबन 10 किसानों सहित डेढ़ सौ किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखवाने के लिए थाने में तहरीर दी है. मुर्दों के खिलाफ तहरीर मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.
वहीं पूरे मामले में तहसीलदार ने संज्ञान लेते हुए जांच की बात कही है. दूसरी तरफ किसानों के खिलाफ तहरीर दिए जाने से किसान आक्रोशित हैं और इस मामले में विभाग के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठने की चेतवानी दें रहे हैं.
बुंदेलखंड के महोबा में सिंचाई विभाग ने मृत हो चुके किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने के लिए थाने में तहरीर दी गई है. सिंचाई विभाग की इस लापरवाही पर लोग अचंभित हैं.
किसान हैरान हैं और अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं. दरअसल, सदर तहसील की ग्राम पंचायत पिपरामाफ के उर्मिल बांध से जुड़ा हुआ यह मामला है. 1978 में उर्मिल बांध निर्माण के दौरान इसके क्षेत्र में आने वाली जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था.
इसी ज़मीन पर किसान जलस्तर के कम हो जाने पर अपने परिवार का जीवन यापन करने को लेकर कृषि कार्य करते चले आ रहे हैं. किसान बताते हैं कि इसी दौरान सिंचाई विभाग के सींचपाल सोहन लाल साहू ने पट्टे की प्रक्रिया के तहत अन्य लोगों को उक्त जमीनों के पट्टे कर दिए.
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इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए किसानों द्वारा जिला अधिकारी से सिंचाई विभाग के सींचपाल पाल के खिलाफ शिकायती पत्र दिए गए. इस पर डीएम ने जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं लेकिन इसके बाद अचानक इसी सींचपाल द्वारा पिपरामाफ गांव के डेढ़ सौ से अधिक किसानों के खिलाफ सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर खेती करने की तहरीर दी है.
सिंचाई विभाग द्वारा किसानो के खिलाफ मुकदमा लिखकर कानूनी कार्रवाई के लिए तहरीर दिए जाने से स्थानीय किसानों में हड़कंप मच गया. सिंचाई विभाग द्वारा लगभग 150 से अधिक किसानों के नाम तहरीर के साथ दिए गए हैं.
थाने में तहरीर दिए जाने की जानकारी जैसे ही किसानों की लगी उनके होश उड़ गए. तहरीर की सूची में 10 ऐसे किसान निकले जिनकी वर्षों पहले मौत हो चुकी है. मुर्दों के खिलाफ तहरीर मिलने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया.
वहीं, सदर तहसीलदार बालकृष्ण सिंह का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा मृत किसानों के खिलाफ तहरीर दिए जाने के मामला सामने आया है. इस मामले में सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को आदेशित किया गया है. यदि विभाग द्वारा दी गई तहरीर संसोधित नहीं कराई गई तो मृत किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर तहसीलदार ने जांच कराने की भी बात कही है.