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महोबाः शिकायत मिली तो खरीद केंद्र के प्रभारी जाएंगे जेल

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Published : May 13, 2020, 6:50 PM IST

यूपी के महोबा में गेहूं और चना खरीद को लेकर मिल रही शिकायतों का जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है. उन्होंने सम्बन्धित केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है.

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जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी

महोबाः जिले में गेहूं एवं चना खरीद के सम्बंध में जिलाधिकारी को लगातार शिकायत मिल रही थी. इसको संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने खरीद से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर जिम्मेदार अधिकारियों तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी आर के पांडेय, एआर कोऑपरेटिव आरपी गुप्ता एवं डीएस पीसीएफ शरद सिंह आदि के साथ मीटिंग कर खरीद में लापरवाही न करने को कहा.

गेहूं खरीद का 72 घण्टे में भुगतान अनिवार्य

जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ने बताया कि शासन द्वारा गेहूं खरीद के उपरांत उसका भुगतान 72 घण्टे के अंदर करना अनिवार्य किया गया है. परंतु सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसान का भुगतान समय से नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि कई गेहूं खरीद केंद्रों पर निर्धारित सिस्टम से कार्य नहीं हो रहा है और वहां केंद्र प्रभारियों द्वारा 50 से 60 रूपये तक प्रति कुंतल की दर से रकम वसूले जाने की शिकायतें मिल रहीं हैं. इसके साथ ही चने की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य 4875 रुपये प्रति कुंतल पर नहीं की जा रही है.

एफआईआर दर्ज कराने के आदेश

शिकायत मिल रही है कि किसान 3500 से 3600 रुपये कुंतल तक चना बिचौलियों को देने को मजबूर है. खरीद केंद्र पर बिचौलिए चना बेच रहे हैं. उन्होंने शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यदि संलिप्तता पाई जाती है तो इस दशा में सम्बन्धित केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है. उन्होंने कहा कि किसानों को परेशान न किया जाए और खरीद ऑनलाइन टोकन के अनुसार ही की जाए. खरीद पोर्टल पर डेटा फीडिंग सही समय से की जाए. ताकि किसानों को उनका भुगतान 72 घंटे के अंदर प्राप्त हो जाये.

न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में स्थापित खरीद केंद्रों पर चना 4875 रुपये, मटर 4800 रुपये, सरसों 4425 रुपये एवं गेहूं 1925 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित है. इसके साथ ही रबी विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत गेहूं खरीद में गेहूं की उतराई, छनाई व सफाई में आने वाले व्यय हेतु मजदूरों द्वारा अधिकतम 20 रुपये प्रति कुंतल की दर से देने का प्रावधान है. साथ ही यदि किसी किसान को अन्य तरीके से परेशान किये जाने की सूचना साक्ष्य सहित उपलब्ध कराई जाती है तो दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

महोबाः जिले में गेहूं एवं चना खरीद के सम्बंध में जिलाधिकारी को लगातार शिकायत मिल रही थी. इसको संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने खरीद से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर जिम्मेदार अधिकारियों तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी आर के पांडेय, एआर कोऑपरेटिव आरपी गुप्ता एवं डीएस पीसीएफ शरद सिंह आदि के साथ मीटिंग कर खरीद में लापरवाही न करने को कहा.

गेहूं खरीद का 72 घण्टे में भुगतान अनिवार्य

जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ने बताया कि शासन द्वारा गेहूं खरीद के उपरांत उसका भुगतान 72 घण्टे के अंदर करना अनिवार्य किया गया है. परंतु सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसान का भुगतान समय से नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि कई गेहूं खरीद केंद्रों पर निर्धारित सिस्टम से कार्य नहीं हो रहा है और वहां केंद्र प्रभारियों द्वारा 50 से 60 रूपये तक प्रति कुंतल की दर से रकम वसूले जाने की शिकायतें मिल रहीं हैं. इसके साथ ही चने की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य 4875 रुपये प्रति कुंतल पर नहीं की जा रही है.

एफआईआर दर्ज कराने के आदेश

शिकायत मिल रही है कि किसान 3500 से 3600 रुपये कुंतल तक चना बिचौलियों को देने को मजबूर है. खरीद केंद्र पर बिचौलिए चना बेच रहे हैं. उन्होंने शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यदि संलिप्तता पाई जाती है तो इस दशा में सम्बन्धित केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है. उन्होंने कहा कि किसानों को परेशान न किया जाए और खरीद ऑनलाइन टोकन के अनुसार ही की जाए. खरीद पोर्टल पर डेटा फीडिंग सही समय से की जाए. ताकि किसानों को उनका भुगतान 72 घंटे के अंदर प्राप्त हो जाये.

न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में स्थापित खरीद केंद्रों पर चना 4875 रुपये, मटर 4800 रुपये, सरसों 4425 रुपये एवं गेहूं 1925 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित है. इसके साथ ही रबी विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत गेहूं खरीद में गेहूं की उतराई, छनाई व सफाई में आने वाले व्यय हेतु मजदूरों द्वारा अधिकतम 20 रुपये प्रति कुंतल की दर से देने का प्रावधान है. साथ ही यदि किसी किसान को अन्य तरीके से परेशान किये जाने की सूचना साक्ष्य सहित उपलब्ध कराई जाती है तो दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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