महोबा: बुंदेलखंड में एक महिला ग्राम प्रधान ने लेखपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वो कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुकी हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब महिला ग्राम प्रधान ने डीएम से मुलाकात की. डीएम मनोज कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
मंगलवार को महोबा जिला अधिकारी को अपना दर्द बताने के लिए सदर तहसील के ग्राम मिरतला की ग्राम प्रधान राजकुमारी राजपूत पहुंची. राजकुमारी ने कहा कि गांव की जनता ने चुनकर उनको अपना प्रधान बनाया ताकि सरकार की आने वाली योजनाओं का उन्हें लाभ मिल सके. राजकुमारी का आरोप है कि लेखपाल इंद्रपाल सिंह योजनाओं से संबंधित बनने वाले प्रमाण पत्रों और अन्य प्रपत्रों को लेकर घूसखोरी कर रहे हैं.
राजकुमारी का कहना है कि इस भ्रष्टाचार में कई अधिकारी भी शामिल हैं. इसी वजह से आरोप लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. मनरेगा मजदूरों की आय को कई गुना दिखाया जा रहा है और जिन लोगों की आय अधिक है, उनको कम आय का प्रमाण पत्र दिया गया है. राजकुमारी का आरोप है कि लेखपाल हर काम पर रिश्वत लेता है. लेखपाल ग्राम वासियों से जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र बनाने के रुपयों की खुलेआम मांग करता है. खसरा के लिए 200 रुपये और वरासत करवाने पर 3000 रुपये तक की मांग होती है.
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महिला प्रधान राजकुमारी ने कहा कि वो ईमानदारी से काम करना चाहती है लेकिन लेखपाल के भ्रष्टाचार के चलते उसके गांव के लोगों को शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. यदि आरोपी लेखपाल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई या उसका स्थानांतरण नहीं किया गया तो मजबूरन वो प्रधान पद से त्यागपत्र दे देंगी. इस मामले को लेकर डीएम मनोज कुमार ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. ग्राम प्रधान के आरोप सही पाए जाने पर लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.