महोबा: मध्यप्रदेश स्थापना दिवस एवं विभाजन की बरसी पर बुंदेलों ने काला दिवस मना कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 29वीं बार खून से खत लिखा. खत में बुंदेली समाज के लोगों ने मांग की नेहरू सरकार की गलती सुधाकर अलग बुंदेलखण्ड राज्य बनाया जाए. गौरतलब है कि 1956 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू की सरकार ने मध्यप्रदेश राज्य का गठन किया था. इसके साथ ही बुन्देलखण्ड राज्य को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में समाहित कर खत्म कर दिया था.
बुंदेली समाज के संयोजन तारा पाटकार ने बताया कि 1 नबम्बर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य के गठन के दौरान बुन्देलखण्ड राज्य को उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में समाहित कर बुन्देलखण्ड राज्य का अस्तित्व मिटा दिया गया था. तब से बुन्देलखण्ड अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है. हमेशा सरकारों द्वारा विकास के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन धरातल में तस्वीर कुछ और नजर आती है. सरकारों द्वारा किए जा रहे विकास कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं. इस कारण से देश की आजादी के 75 साल के बाद भी बुन्देलखण्ड देश के सबसे पिछड़े इलाको में गिना जाता है.
बुन्देलखण्ड से के कुछ जनपद उत्तर प्रदेश और कुछ मध्य प्रदेश में होने के कारण बुंदेलखण्ड का विकास आज तक नहीं हो सका है. बुंदेलखण्ड राज्य को लेकर की गई मांगों पर देश के प्रधानमंत्री ने आजकर कुछ नहीं किया है और न ही सरकार अभी तक इस मुद्दे पर विचार करती नजर आ रही है. अगर सरकार ने जल्द बुंदेली समाज के लोगों के मांग नहीं मानी तो इसको लेकर आंदोलन भी किया जाएगा.
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