महोबा: बीते 8 वर्षों से यूपी की सत्ता से दूर बसपा में चल रही अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है. महोबा जिले में 6 माह पूर्व ही पार्टी की कमान संभालने वाले जिलाध्यक्ष मुहम्मद इकबाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिलाध्यक्ष के मुताबिक एक वरिष्ठ नेता पर अनैतिक कार्यों को लेकर बनाये जा रहे दबाब से आहत होकर पार्टी के पद से इस्तीफा दिया है. बसपा जिलाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद जिले में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
महोबा जिले के बसपा जिलाध्यक्ष मुहम्मद इकबाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और चित्रकूट धाम मंडल के पूर्व मंडल कोऑर्डिनेटर नौशाद अली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिलाध्यक्ष की माने तो उन पर अनैतिक कार्यों के लिए लगातार दबाब बनाया जा रहा था, जिससे आहत होकर शनिवार को उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. मुहम्मद इकबाल की जिलाध्यक्ष के पद पर ताजपोशी 6 जनवरी 2020 को हुई थी. जिलाध्यक्ष ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इससे कहीं न कहीं पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े होना लाजिमी है.
जिलाध्यक्ष ने बताया कि बीती 6 जनवरी को मुझे महोबा जिले का जिलाध्यक्ष बनाया गया था. उसके डेढ़ माह तक चित्रकूट मंडल के कोऑर्डिनेटर रहे नौशाद अली ने फोन करके हमें लखनऊ बुलाया और कहा कि बहन जी मिलना चाहती हैं. हम लखनऊ गए तो वहां बहन जी नहीं मिलीं, तब नौशाद अली ने हमसे पैसे मांगे तो हमने उन्हें पैसे दे दिए. उसके बाद इनका फोन आए दिन आने लगा और ये हमसे अनैतिक मांग करने लगे. नौशाद अली महोबा आकर एक होटल में रुकते हैं और कभी भी यह अपने फोन से बात नहीं करते हैं. हमेशा दूसरों के फोन से बात करते हैं. आज मैने इनकी इन्हीं नाजायज और अनैतिक मांगों से तंग होकर पार्टी के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.