महोबा : बुंदेलखंड के महोबा जिले के एक गांव के रहने वाले दलित जाति के युवक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर मदद की गुहार लगाई है. पोस्ट में उसने लिखा है कि 18 जून को उसकी शादी है और वो शादी के दिन घोड़े पर सवार होकर अपनी बरात ले जाना चाहता है. लेकिन उसके गांव के सामंतवादी सोच के लोग उसे ऐसा करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. क्या कोई उसकी मदद कर सकता है. वहीं दूल्हे की इस पोस्ट से जिले व आस पास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया है.
युवक के पिता ने थाने में भी दी है तहरीर
दरअसल, युवक अलखराम की शादी 18 जून को है. और वह घोड़ी पर चढ़कर अपनी बारात ले जाने का सपना बचपन से सजाए हुए है, लेकिन गांव के दबंग, सामंतवादी सोच के लोग दलितों को घोड़ी पर सवार होकर बारात निकालने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. अलखराम को घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने के अरमान पूरे होते नहीं दिखने पर, उसके पिता ने महोबकंठ थाने में प्रार्थना पत्र दिया है.
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'आज तक कोई दलित दूल्हा नहीं चढ़ा घोड़ी'
जिले के महोबकंठ थाना क्षेत्र के माधवगंज गांव में लगभग दो हजार की आबादी है. इस गांव में आजादी के बाद भी आज तक किसी दलित दूल्हे की बारात धोड़े पर सवार होकर नहीं निकाली गई है. किसी दलित की क्या मजाल की वो दूल्हा बनकर घोड़े पर चढ़कर अपनी बारात निकालने की हिमाकत कर सके. इस गांव के सामंतशाही विचारधारा के लोग किसी भी दलित दूल्हे को घोड़े पर चढ़कर बारात निकालने की इजाजत नहीं देते हैं. ग्रामीणों की मानें तो उनकी और उनके जैसे किसी की बारात घोड़ी पर सवार होकर नहीं निकल सकी है. अब आने वाले 18 जून को पता चलेगा कि अलखराम का घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालेगा या फिर गांव के दबंग सामंतवादी सोच के आगे घुटने टेक देगा. फिलहाल पुलिस ने भी पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है.