महाराजगंज: भारत-नेपाल के सोनौली सीमा पर तैनात इमिग्रेशन विभाग की टीम ने मंगलवार को उज्बेकिस्तान की महिला (Security agencies arrested Uzbekistan woman) को फर्जी कागजातों के साथ गिरफ्तार किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने विदेशी महिला की जांच की तो उसके पास पासपोर्ट नहीं था और न ही भारत में रहने का वीजा बरामद हुआ. उज्बेकिस्तानी महिला फर्जी कागजातों के साथ चोरी छिपे भारत से नेपाल भागने के फिराक में थी. पुलिस ने विदेशी महिला के खिलाफ 14 विदेशी अधिनियम एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
सुरक्षा एजेंसियों ने जब उज्बेकिस्तान महिला शोखसनम से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह ओमान में काम करती थी. जहां उसको एक और उज्बेकिस्तान की महिला हयात मिली और उसने बताया कि भारत में काम करने के अच्छे पैसे मिलेंगे. जिसके बाद वह पैसे की लालच में भारत आने को तैयार हो गई. उज्बेकिस्तान से भारत के लिए वीजा बड़ी मुश्किल से मिलता है. इसलिए वह श्रीलंका गई और वहां से नेपाल आई. इसके बाद वह नेपाल से भारत 20 फरवरी 2022 में आ गई .
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सबसे पहले वह दिल्ली में रही, जहां उसका उज्बेकिस्तान के अंदर प्रयोग करने वाला पासपोर्ट रख लिया गया और उसे कूट रचित तरीके से बना हुआ भारतीय दस्तावेज दे दिया गया, इसके बाद उसे चंडीगढ़ भेज दिया गया. उज्बेकिस्तान की महिला ने बताया कि पासपोर्ट वापस नहीं पाने की सूरत में वह नेपाल के रास्ते उज्बेकिस्तान जाने का प्लान बनाया और चंडीगढ़ से टैक्सी के सहारे सोनौली सीमा पर पहुंची.
सोनौली सीमा पर इमीग्रेशन के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार की गई महिला के पास से भारतीय मुद्रा में 500 के 46 नोट, 270 अमेरिकी डॉलर और एक हरे रंग वाला उज्बेकिस्तान पासपोर्ट जो सिर्फ केवल उज्बेकिस्तान के अंदर ही मान्य है, के साथ कूट रचित तरीके से भारतीय दस्तावेज भी बरामद हुआ है.