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महराजगंज: कागजों में सिमटा रामपुर गांव का विकास

महराजगंज जिले के पनियरा ब्लॉक के रामपुर गांव का विकास सिर्फ और सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है. गांव में आज भी लोग शौचालय के अभाव में जहां खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं तो वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्रों को न मिलने से तमाम पात्र लाभार्थी आज भी झोपड़ियों में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं.

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Published : Feb 26, 2021, 3:44 PM IST

कागजों में सिमटा रामपुर गांव का विकास
कागजों में सिमटा रामपुर गांव का विकास

महराजगंज: जिले में आज भी लोग बदहाल व्यवस्था से बेबस हैं. जहां लोग सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर हैं तो वहीं गांव में आज भी जल निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है. पात्र लाभार्थियों को न तो शौचालय मिला है और न ही प्रधानमंत्री आवास, जिससे लोग आज भी खुले में शौच और झोपड़ियों में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं.

ग्रामीणों ने बयां किया गांव के विकास का हाल.

कागजों में सिमट कर रह गया गांव का विकास
महराजगंज जिले के पनियरा ब्लॉक के रामपुर गांव का विकास सिर्फ और सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है. गांव में आज भी लोग शौचालय के अभाव में जहां खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं तो वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्रों को न मिलने से तमाम पात्र लाभार्थी आज भी झोपड़ियों में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं. गांव में तमाम लोग आज भी विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन के लिए तरस रहे हैं. गांव में आने-जाने के लिए बना खड़ंजा जहां क्षतिग्रस्त हो गया है तो वहीं आज भी तमाम टोले नाली, खड़ंजा जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं. गांव में बनी नालियां क्षतिग्रस्त होने से लोगों के घरों से निकला गंदा पानी गांव के मुख्य मार्गों पर बह रहा है, जिससे लोगों को आने-जाने में जहां परेशानी हो रही है तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधियों ने विकास का दावा किया था, लेकिन जैसे ही चुनाव संपन्न हुआ विकास के सारे दावे और वादे चुने गए जनप्रतिनिधि भूल गए. ऐसे में गांव में तमाम समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. गांव की टूटी-फूटी नालियां, खुले में शौच और झोपड़ियों में जीवन-यापन कर रहे लोग, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन से जूझ रहे लोग गांव का विकास की पोल खोलने के लिए काफी है.

महराजगंज: जिले में आज भी लोग बदहाल व्यवस्था से बेबस हैं. जहां लोग सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर हैं तो वहीं गांव में आज भी जल निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है. पात्र लाभार्थियों को न तो शौचालय मिला है और न ही प्रधानमंत्री आवास, जिससे लोग आज भी खुले में शौच और झोपड़ियों में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं.

ग्रामीणों ने बयां किया गांव के विकास का हाल.

कागजों में सिमट कर रह गया गांव का विकास
महराजगंज जिले के पनियरा ब्लॉक के रामपुर गांव का विकास सिर्फ और सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है. गांव में आज भी लोग शौचालय के अभाव में जहां खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं तो वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्रों को न मिलने से तमाम पात्र लाभार्थी आज भी झोपड़ियों में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं. गांव में तमाम लोग आज भी विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन के लिए तरस रहे हैं. गांव में आने-जाने के लिए बना खड़ंजा जहां क्षतिग्रस्त हो गया है तो वहीं आज भी तमाम टोले नाली, खड़ंजा जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं. गांव में बनी नालियां क्षतिग्रस्त होने से लोगों के घरों से निकला गंदा पानी गांव के मुख्य मार्गों पर बह रहा है, जिससे लोगों को आने-जाने में जहां परेशानी हो रही है तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधियों ने विकास का दावा किया था, लेकिन जैसे ही चुनाव संपन्न हुआ विकास के सारे दावे और वादे चुने गए जनप्रतिनिधि भूल गए. ऐसे में गांव में तमाम समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. गांव की टूटी-फूटी नालियां, खुले में शौच और झोपड़ियों में जीवन-यापन कर रहे लोग, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन से जूझ रहे लोग गांव का विकास की पोल खोलने के लिए काफी है.

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