महराजगंज: कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बाढ़, इंसेफेलाइटिस, कोरोना संक्रमण बचाव कार्य, शुद्ध पेयजल आदि को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान लापरवाही सामने आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एसीएमओ को कड़ी चेतावनी दी. कमिश्नर ने कहा कि जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत होने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज होगा. उसकी मजिस्ट्रियल जांच होगी और कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
कमिश्नर ने कहा कि इसमें लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कमिश्नर ने कोविड-19 को लेकर थर्मल स्क्रीनिंग व्यवस्था को लेकर नाराजगी भी जताई. उन्होंने बाढ़ बचाओ की तैयारी को समय से पूरा करने का निर्देश दिया. कमिश्नर ने कहा कि कोविड-19 व संचारी रोग का सर्वे कार्य एक साथ किया जाए. कमिश्नर ने बाढ़ बचाओ कार्यों की समीक्षा में नाव, नाविक, गोताखोर , खाद्यान्न की व्यवस्था कर लेने का निर्देश दिया. बाढ़ चौकियों को चिन्हित कर वहां कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का भी निर्देश दिया.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एके श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 में ग्राम स्तर पर निगरानी समिति का गठन कर प्रशिक्षण के साथ सर्वे कराया जा रहा है. सैंम्पलिंग का कार्य भी तेजी पर है. नोडल अधिकारी आईईसी चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने बताया कि जिले में 8377 लोगों की सैंम्पलिंग में 6936 लोग निगेटिव और 242 लोग कोरना पॉजिटिव मिले हैं, 987 की रिपोर्ट अभी नहीं आई है. 156 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं. अस्पतालों में 80 कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार चल रहा है.