महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के नगर पंचायत पनियरा कस्बे में गार्डिंग के अभाव में हाईटेंशन लाइन खतरा बनी हुई है. हाईटेंशन तार गिरने की वजह से आए दिन खतरे की आशंका बनी रहती है. जहां कई लोग हादसे के शिकार हो चुके हैं.
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में घनी बस्ती से निकले बिना गार्डिंगयुक्त हाईटेंशन बिजली के तार से खतरा बना हुआ हैं. स्थिति यह है कि कई बार हाईटेंशन तार गिरने की वजह से लोग हादसे के शिकार हो चुके हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि घनी बस्तियों के ऊपर से हाईटेंशन लाइनें बिना गार्डिंग के निकली हुई है. 11 हजार केवी का हाईटेंशन लाइनों का बिछा जाल, खतरे में लोगों की जान महराजगंज जिले के नगर पंचायत पनियरा कस्बे के रास्ते 11 हजार केवी का हाईटेंशन लाइनों का जाल बिना गार्डिंग के बिछाया गया है, जो मुख्य सड़कों व गली मोहल्लों से होकर गुजरती है.
विभाग द्वारा नियमित व हाईटेंशन लाइनों की बिछाने के दौरान ही इन लाइनों के नीचे दोनों विद्युत खंभों के बीच में दूरी के अंतराल पर एक या डेढ़ फुट नीचे गार्डिंग लगाई जाती है. गार्डिंग टूटने या गिरने पर बदलने का प्रावधान रखा गया है. लेकिन नगर पंचायत पनियरा सहित बहुत से स्थानों पर गार्डिंग टूटने या गिरने पर वर्षों से जहां नहीं बदला जा सका है. वहीं नगर पंचायत पनियरा कस्बे में बिना गार्डिंग के 11 हजार केवी का विद्युत आपूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से गंभीर हादसे होते रहते हैं.
घर के ऊपर से गुजरा हाईटेंशन तार बना जान का दुश्मन
महराजगंज जिले के पनियरा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भी लोगों के घरों के ऊपर से गुजरा हाईटेंशन तार लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है. फलदार वृक्षों से सट कर गुजरे हाईटेंशन तार की चपेट में आए कई लोगों की जान जा चुकी है. जिनके घरों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरा हुआ है. वह लोग विद्युत विभाग का जहां चक्कर लगा रहे हैं. वहीं विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. मुआवजा देकर विद्युत व्यवस्था में सुधार करना भूल जाता है.
विभाग सबसे बड़ी बात तो यह है की विभाग द्वारा विद्युत दुर्घटना में घायलों या मृतकों को मुआवजा तो वितरित कर दिया जाता है, लेकिन विद्युत प्रणाली में सुधार नहीं किया जा रहा है. इस वजह से अब भी बिना गार्डिंग के बिछाए गए हाईटेंशन तारों से खतरा बरकरार है. नगर पंचायत पनियरा कस्बे में हाईटेंशन लाइनों के नीचे गार्डिंग नहीं है. जिससे हर पल खतरे की आशंका बनी रहती है.
इसे भी पढ़ें- स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में यूपी अव्वल