महराजगंजः जिले के सदर तहसील में तैनात लेखपाल दुर्गेश चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. ट्रेंड हो रहे इस वीडियो में दुर्गेश योगी सरकार का गुणगान कर रहा है. वो ये कहते नहीं थक रहा है कि योगी सरकार ने हमें लेखपाल बनाया वो भी बिना किसी भ्रष्टाचार के. अब ये वीडियो जब ट्रोल हो गया तो लेखपाल किसी से बात करने को तैयार ही नही हैं.
क्या है पूरा मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टि्वटर हैंडल @myogiadityanath से सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो सरकार के द्वारा 4 साल में 4 लाख नौकरियों के विज्ञापन से जुड़ा था. इस वीडियो में महाराजगंज के एक युवक दुर्गेश चौधरी को सरकार का धन्यवाद करते हुए दिखाया गया है. युवक कहता है कि राज्य सरकार ने राजस्व लेखपाल के पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की. वह परीक्षा में शामिल हुआ. निष्पक्ष रूप से चयन किया गया और उसे नौकरी मिल गई. यह वीडियो सामने आने के कुछ समय बाद ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा. हजारों की संख्या में वीडियो देखा भी गया इस पर काफी सवाल भी खड़े किए गए है.
युवकों ने उठाए सवाल
राहुल अवस्थी, नीरज चौहान और विशाल जैसे कई युवकों ने इस वीडियो के जवाब में लिखा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में कभी राजस्व लेखपाल पद के लिए भर्ती निकाली ही नहीं गई. कुछ युवकों ने लिखा है कि वह वर्षों से इस भर्ती का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी तक शुरू नहीं हुई तो यह चयन कैसे हो गया. छात्र नेता लालू कनौजिया का कहना है कि हजारों छात्र और युवा बेरोजगार भटक रहे हैं. ऐसे में इस तरह के विज्ञापन और दावे करना उनका मजाक बनाने जैसा है. वहीं, अहमद रजा खान कहते हैं कि सरकार को बेरोजगारी को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
हजारों की संख्या में देखा गया यह संदेश
यह सोशल मीडिया संदेश बुधवार दोपहर करीब 2 से 3 बजे के आसपास जारी किया गया. यह संदेश बहुत तेजी से युवाओं के बीच फैला. इस बीच वर्षों से नियुक्ति की आस लगाए बैठे युवकों ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं.
नेपाल की तरफ निकल गया 'लेखपाल'
ईटीवी भारत की टीम ने जब लेखपाल का घर ढूंढ कर वहां पहुची और लेखपाल से बात करने की कोशिश की तो लेखपाल दुर्गेश अपनी बाइक निकाली और नेपाल की तरफ भागने लगा. रोककर जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो वह ये कहते हुए निकल गए कि जो वीडियो अपलोड किया है उससे बात करें.
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लेखपाल पर भी उठ रहे सवाल
लेखपाल दुर्गेश महराजगंज की निचलौल तहसील के भेड़िया गांव का मूल निवासी है. इसके पहले यह जिले के फरेंदा तहसील में तैनात था. सप्ताह भर पहले ही सदर तहसील में स्थानांतरित होकर आया था. जबसे यह वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ है तबसे दुर्गेश के पास तमाम फोन आ रहे हैं. कोई दुर्गेश को कोस रहा है तो कोई दिलासा दे रहा है.
2015 के बाद नहीं हुई भर्ती
लेखपाल की अंतिम भर्ती प्रक्रिया सन् 2015 में हुई थी. उस समय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार थी. उस भर्ती में जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास किया था उन्हें 2016 में रोजगार मिल गया था. उसके बाद से अभी तक उससे सम्बंधित कोई भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि मुख्यमंत्री के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से ऐसी गलती कैसे हो गई.